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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 12 सितंबर को देशभर में 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। कारण पंजाब के गैंग्स और आतंकी संगठनों से उनके मेल-जोल है जिसका फायदा आतंकी संगठन ISI उठा रही है। NIA ने यह छापा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में गैंग के सदस्यों और कुछ आतंकी संदिग्धों से जुड़े ठिकानों पर की है। इस छापेमारी का एक और कनेक्शन ढूढा जा रहा है और वह है सिद्धू मुसेवाला हत्या केस से सम्बंधित। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि इस मामले में पंजाब के गैंग्स और पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों का संबंध हो सकता है।
मुसेवाला केस पंजाब सरकार या प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पंजाब पुलिस ने अब तक 23 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन बावजूद उसके वह अभी तक मुख्य आरोपी को ढूंढने में कामयाब नहीं हो पाई हैं।पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की मदद से उन्होंने तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी कि UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत लॉरेंस बिश्नोई गैंग, बंबिहा गैंग और नीरज बवाना गैंग के 10 गैंगस्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
हालांकि पंजाब में भगवंत मान सरकार की भी खूब किरकिरी हुई थी जब उन्होंने सिद्धू मुसेवाला की सुरक्षा हटाने का आदेश दिया था। हालांकि सरकार ने मुसेवाला के आरोपियों को पकड़ने की बात तो कही थी लेकिन आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया और जो कुछ भी मेहनत अभी तक प्रशासन के द्वारा किया गया है उसमें
नीरज सेहरावत उर्फ नीरज बवाना और उसके गैंग के लोग कई चर्चित लोगों की हत्या और सोशल मीडिया पर डर फैलाने के मामले में शामिल हैं।
FIR के मुताबिक स्पेशल सेल को ये जानकारी मिली थी कि लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार, विक्रम बरार, जग्गू भगवानपुरिया, संदीप, सचिन थापन और अनमोल बिश्नोई कनाडा, पाकिस्तान और दुबई की विभिन्न जेलों से सक्रिय हैं और अपना गैंग चला रहे हैं। FIR में ये भी कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी है, जो कि संभवत: पाकिस्तान में रह रहा है।