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(मची हलचल)
असम-यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी मदरसों का किया जाएगा सर्वे, सीएम धामी ने दी हरी झंडी
उत्तर प्रदेश और असम के बाद अब उत्तराखंड में मदरसों की जांच पड़ताल के साथ सर्वे किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए इसकी पुष्टि कर दी है। बता दें कि पिछले दिनों उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष शादाब शम्स ने हरिद्वार के ‘पिरान कलियर’ को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि पिरान कलियर मानव तस्करी और नशे का अड्डा बनता जा रहा है। शादाब शम्स के इस बयान के बाद उत्तराखंड में सियासत में हलचल मची है। सीएम धामी का कहना है कि मदरसों को लेकर समय समय पर तमाम तरीके की बातें सामने आती रहती हैं। ऐसे में जांच होना जरूरी है, ताकि सच सामने आ सके। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जल्द ही राज्य में मदरसों को लेकर सर्वे कराया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष बनने के बाद शादाब शम्स ने वक्फ बोर्ड से जुड़ी ऐसी संपत्तियों का सर्वे कराने की बात कही है जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। साथ ही शादाब शम्स ने सरकार से सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे होने की भी बात कही है। हालांकि शादाब शम्स के इस बयान के बाद कई मुस्लिम समुदायों के विरोध भी सामने आ रहे हैं। बता दें कि यूपी में योगी सरकार ने फैसला लिया है कि यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराएगी। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किया जाएगा । सरकार की ओर से जारी किए गए फॉर्मेट में सर्वे के 12 बिंदु तय किए गए हैं। इसमें देखा जाएगा कि प्राइवेट स्तर पर चलने वाले मदरसों की गवर्निंग कैसे होती है? इन्हें पैसे कहां से आते हैं? पाठ्यक्रम क्या है? इन सवालों के दायरे में यूपी में चलने वाले 16 हजार निजी मदरसे होंगे।इसके लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने का काम खत्म कर लिया गया है। यही टीम मदरसों की स्थिति का सर्वे करेगी। टीमों को आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा कर लेना है। ये टीमें 25 अक्टूबर तक अपनी सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगी। ऐसे ही पिछले दिनों असाम में सरकार ने राज्य में कई अवैध मदरसों को ध्वस्त किया है।असम में अल कायदा से लिंक के मामलों में मदरसों पर कार्रवाई को लेकर बवाल मचा है। जहां असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार अब तक तीन मदरसों पर बुलडोजर चला चुकी है। वहीं, विपक्ष लगातार सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहा है।