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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के लिए लगातार कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी 2 साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों को एक करने में लगे हुए हैं।
लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से संदेश दिया जा रहा है कि यूपी और बिहार एकजुट होकर भाजपा के लोकसभा सदस्यों की संख्या कम कर दें तो केंद्र से भाजपा की सरकार खिसक सकती है। पोस्टर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीरों के साथ लिखा है-‘यूपी+ बिहार=गई मोदी सरकार’ । यह पोस्टर सपा नेता आईपी सिंह ने लगवाया है। आईपी सिंह ने मीडिया से कहा कि यूपी और बिहार देश की सियासत की दशा-दिशा तय करने वाले राज्य हैं। ये दोनों बड़ी आबादी वाले राज्य हैं। साथ ही राजनीतिक रूप से जागरूकता भी यहां है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अब मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। निश्चित ही यह अपने मकसद में सफल रहेगा। सपा नेता आईपी सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह का अभियान चलाया जाएगा। भाजपा का साथ छोड़कर नीतीश कुमार के तेजस्वी यादव से हाथ मिलाने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गोलबंदी की कोशिशें तेज हो गई हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव बिहार में लगातार महागठबंधन और भाजपा विरोधी मोर्चे के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते रहे हैं। भाजपा का साथ छोड़कर नीतीश कुमार के तेजस्वी यादव से हाथ मिलाने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गोलबंदी की कोशिशें तेज हो गई हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव बिहार में लगातार महागठबंधन और भाजपा विरोधी मोर्चे के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों को नीतीश कुमार ने दिल्ली में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। तब नीतीश ने कहा था कि अखिलेश यूपी का नेतृत्व करेंगे।