गुरूवार, जून 1Digitalwomen.news

एनसीआरबी ने जारी की रिपोर्ट: यूपी में दंगा और क्राइम कंट्रोल तो उत्तराखंड में महिलाओं पर हिंसक घटनाओं ने बढ़ाई चिंता

Crime against women rose by 15.3% in 2021: NCRB
JOIN OUR WHATSAPP GROUP

उत्तर प्रदेश में कुछ वर्षों पहले सांप्रदायिक दंगा, महिलाओं पर अत्याचार समेत कई आपराधिक मामलों की खबरें सामने आती रहती थी। लेकिन साल 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद दंगा और क्राइम का ग्राफ कम होता चला गया। वहीं उत्तराखंड में ताजा रिपोर्ट के अनुसार चिंता बढ़ा दी है। जबकि देवभूमि देश में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित और हिंसा रहित राज्यों में से एक माना जाता है। ‌लेकिन ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो’ (एनसीआरबी) की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगा और महिलाओं पर हिंसा के मामलों में बड़ी राहत दी है। वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में महिलाओं को लेकर हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। साल 2021 में उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हुए अपराध के 3431 मामले दर्ज किए गए । वहीं उत्तराखंड के अंदर रोज एक महिला के साथ रेप हो रहा है। उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हो रहे आपराधिक मामले कम होने के बचाए बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2020 के मुकाबले 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 585 ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं, जो प्रदेश के लिए चिंता का विषय है । एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में साल 2020 में महिलाएं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 2846 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं साल 2021 में ये आंकड़ा बढ़कर 3431 हो गया। उत्तराखंड में साल 2021 में रेप के 534 मामले दर्ज किए गए थे। साल 2020 में ये आंकड़ा 487 था। इसके अलावा महिलाओं के अपहरण के 402 मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी की इस रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड धामी सरकार की चिंताएं जरूर बढ़ा दी हैं। दूसरी ओर एनसीआरबी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राहत दी है। एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, यूपी में 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बड़ी कमी आई है। 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 6.2 फीसदी तो बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी आई है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में यूपी में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में यह संख्या घटकर 16838 हो गई। वहीं, 2019 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59853 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2021 में यह संख्या घटकर 56083 हो गई। एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो 2021 में पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा के 378 मामले दर्ज हुए, जिनमें से उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक ही मामला दर्ज हुआ। जबकि महाराष्ट्र में 100, झारखंड में 77 और हरियाणा में 40 मामले दर्ज हुए। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 और 2020 में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ । वहीं यूपी में साइबर क्राइम भी काफी कम हुआ। एनसीआरबी के डेटा की मानें तो साइबर क्राइम के मामले में भी 22.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। बता दें कि साल 1986 में एनसीआरबी की स्थापना हुई थी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है, इसका उद्देश्य पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बनाया गया था। ब्यूरो क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, देश में कितनी आत्महत्या और आकस्मिक मृत्यु, भारत में कितने बच्चे और महिला लापता है को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट जारी करता है। एनसीआरबी डाटा से पता चलता कि देश में कितने अपराध बढ़ रहे या घट रहे हैं। इससे जानकारी मिलती है कि भारत के किस राज्य में अपराध में कमी या बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

Leave a Reply

%d bloggers like this: