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नई दिल्ली में विधानसभा में कल पूरे दिन और पूरी रात खूब राजनीतिक ड्रामा हुआ। एक तरफ आम आदमी पार्टी के सभी विधायक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने उपराज्यपाल वी के सक्सेना की पद बर्खास्तगी को लेकर धरने पर बैठ गए तो दूसरी ओर भाजपा के विधायक भगत सिंह की प्रतिमा के सामने स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बर्खास्तगी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। मतलब ये कि आरोप पार्टी के नेताओं और संवैधानिक पद पर बैठे उपराज्यपाल पर लग रहे है लेकिन उनके बीच महात्मा गांधी और भगत सिंह जैसी महान विभूति भी खुद को फंसा महसूस कर रही होगी।
भाजपा विधायक इस मांग को लेकर भी डटे हुए हैं कि शराब नीति और भ्रष्टाचार पर दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में चर्चा क्यों नहीं करने दिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधुड़ी ने कहा कि जब तक जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार चर्चा नहीं करती तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा। आज दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का तीसरा दिन है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि जब तक जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी और भ्रष्टाचार के भेंट चढ़े शराब नीति को वापस लेकर सिसोदिया और सतेंद्र जैन को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। यह पहली बार हुआ है कि सदन में विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। उन्होंने मांग किया कि दिल्ली में विधानसभा को मजाक बना दिया गया है। हम मांग करते हैं कि साल में कम से कम तीन बार सदन सत्र बुलाया जाए। साथ ही इस सत्र को तीन दिन के लिए बढ़ाया जाए, ताकि विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर सके।
इससे पहले 26 अगस्त को विधानसभा में मानसून सत्र शुरू हुआ था। उस वक्त विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की मांग की और कहा शराब नीति और भ्रष्टाचार पर सदन में चर्चा हो, लेकिन सरकार चर्चा के बजाय विपक्ष को मार्शल आउट कर दिया। आज भी जब विपक्ष ने जनता के मुद्दों पर चर्चा की मांग की तो पहले के जैसा ही मार्शल आउट कर दिया गया। भाजपा विधायकों की मांग है कि अगर विधानसभा में भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं होगी तो कहां होगी? इस सरकार ने पूरे कार्यकाल में न एक बस खरीदी, न एक स्कूल बनवाया और न एक अस्पताल बनवाया और जब जवाब मांगा जाता है तो आप जवाब क्यों नहीं देते। क्यों जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से केजरीवाल भागते हैं।