
आप विधायकों ने वी के सक्सेना की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विधानसभा में ही रात बिताने के लिए हामी भरी

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सरकार चाहे जितना भी दावा कर लें कि वह ज़ीरो टॉलरेंस पर भ्रष्टाचार मामले में काम करती है, लेकिन ऐसा लगता है कि जो सरकार जितना ही ईमानदार होने का सबूत देती है उसकी भ्रष्टाचार के किस्से उतने ही ज्यादा हैं। दिल्ली के संदर्भ में तो यही फिट बैठता है। कट्टर ईमानदार केजरीवाल बार बार खुद की सरकार को कहते रहते हैं और एक के बाद सरकारी विभाग भ्रष्टाचार के सवालों में गिरती जा रही है लेकिन आज शाम यह गंगा उल्टी बहने शुरू हो गई जब विधानसभा में आम आदमी पार्टी के नेता विधायकों ने तत्कालीन उपराज्यपाल के साथ सेना पर 1400 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप लगा दिया।
आप विधायकों है आरोप लगाया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वेकेशन आ जाओ खादी ग्राम उद्योग में चेयरमैन हुआ करते थे उन्होंने नोटबंदी के दौरान 14 करोड रुपए का नोट ब्लैक से वाइट करवाए हैं। अब इस आरोप के पीछे का पूरा मामला क्या है इसे फहले समझते हैं। नोटबंदी के दौरान जब 9-11-16 को भारत सरकार के डिप्टी सी ओ द्वारा यह कह दिया गया कि पुराने 500 और 1000 के नोट नहीं स्वीकार होंगे तो उस वक्त खादी ग्रामोद्योग के चैयरमैन रहे वी के सक्सेना के पैसों को बताकर खादी में काम करने वाले कैशियर प्रदीप यादव और संजीव कुमार ने 20 लाख रुपये पुराने नोट को नए नोट में बदलने का काम किया और इस बात को दोनों ने अपने ही द्वारा दिये गए लिखित जवाब में स्वीकार किया है।
अब आम आदमी पार्टी का कहना है खादी ग्राम उद्योग का पूरे देश भर में 7000 से अधिक शाखाएं हैं और इन शाखाओं में 20 लाख रुपये प्रति शाखा के हिसाब से अगर पैसे बदले गए होंगे तो पूरे 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट को नए नोट में बदला गया है। ऐसे में वह 1400 करोड़ रुपये किसके हैं, इसका हिसाब वी के सक्सेना दें और जब तक नहीं दे देते तब तक उन्हें बर्खास्त किया जाए। आप ने दावा किया है कि वी के सक्सेना ने ट्रांसफर की धमकी देकर पुराने नोट को नया करने का काम किया। साथ ही आप विधायको का आरोप भी है कि जिन लोगों ने वी के सक्सेना का यह पोल खोला उसे सस्पेंड कर दिया गया है।
विधानसभा सत्र में विश्वास मत पहले लाया गया कि आम आदमी पार्टी के सभी विधायक कट्टर ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त हैं और फिर उसके बाद सभी 62 विधायकों ने वी के सक्सेना की बर्खास्तगी को लेकर विधानसभा में ही महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। विधायकों की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई या ईडी से करवाइए। साथ ही इनके सभी ऑफिस और रेजिडेंस पर रेड हो। दोनों कैशियर ने अपने बयान में एक ही बात कही है और उन्होंने कहा कि इनके दो अधिकारियों अजय गुप्ता और ए के गर्ग ने इन्हें डराया कि ये पैसा चेयरमैन वी के सक्सेना का है। आप ने मांग कि है कि अगर चेयरमैन पर ही आरोप है तो उसके अधीन CVO से जांच कराने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए इसकी स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए।