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नोएडा की सेक्टर-93 में बनी सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के 32 मंजिला ट्विन टावर आज दोपहर 2:30 बजे पलक झपकते ध्वस्त होने वाली है। 200 करोड़ से ज्यादा की लागत से बने इन टावर्स को गिराने में करीब 20 करोड़ का खर्च आने की बात कही जा रही है। टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलो विस्फोटक अलग-अलग फ्लोर पर लगाया गया है।
इन सब के बीच सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इन टावर्स को गिराया क्यों जा रहा है? अगर ये टावर अनियमिता बरतकर बनाए गए तो 32 मंजिल की इमारत खड़ी कैसे हो गई? बिल्डर ने नियमों को कैसे ताक पर रखा? नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी क्या कर रहे थे? आइये जानते हैं आखिर क्यों और किस लिए गिराया जा रहा है ट्विन टावर…

दरअसल ट्विन टावर की कहानी 23 नंवबर 2004 से शुरू होती है। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया। आवंटन के साथ ग्राउंड फ्लोर समेत 9 मंजिल तक मकान बनाने की अनुमति मिली। दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 को अनुमति में संसोधन कर दिया गया। नोएडा अथॉरिटी ने संसोधन करके सुपरटेक को नौ की जगह 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी। इसके बाद अथॉरिटी ने टावर बनने की संख्या में भी इजाफा कर दिया। पहले 14 टावर बनने थे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 15 फिर इन्हें 16 कर दिया गया। 2009 में इसमें फिर से इजाफा किया गया। 26 नवंबर 2009 को नोएडा अथॉरिटी ने फिर से 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया।
दो मार्च 2012 को टावर 16 और 17 के लिए एफआर में फिर बदलाव किया। इस संशोधन के बाद इन दोनों टावर को 40 मंजिल तक करने की अनुमति मिल गई। इसकी ऊंचाई 121 मीटर तय की गई। दोनों टावर के बीच की दूरी महज नौ मीटर रखी गई। जबकि, नियम के मुताबिक दो टावरों के बीच की ये दूरी कम से कम 16 मीटर होनी चाहिए।
अनुमति मिलने के बाद सुपरटेक समूह ने एक टावर में 32 मंजिल तक जबकि, दूसरे में 29 मंजिल तक का निर्माण भी पूरा कर दिया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और ऐसा पहुंचा कि टावर बनाने में हुए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक खुलती गईं। ऐसी खुलीं की आज इन टावरों को जमींदोज करने की नौबत आ गई।
2:15 से लेकर 2:45 तक बंद रहेगा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे
ट्रेन टावर के द्वारा से पहले डायवर्जन लागू करने का कार्य देर रात पूरा कर लिया गया है। इस दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे दोपहर 2:15 से लेकर 2:45 तक बंद रहेगा।
इसके अलावा धूल का गुबार अगर एक्सप्रेस-वे की तरफ रहा, तो इसे कुछ और देर के लिए बंद रखा जा सकता है। एक्सप्रेस-वे के बंद रहने की जानकारी गूगल मैप पर करीब पौने घंटे पहले दिखाई देनी शुरू हो जाएगी, ऐसे में वैकल्पिक मार्ग भी गूगल मैप द्वारा बताया जाएगा।
वहीं इस दौरान 400 पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात किए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि छह एंबुलेंस मौके पर रहेंगी और जिला अस्पताल के साथ फैलिक्स और यथार्थ अस्पताल में भी बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।