
श्रीलंका सोचा भी नहीं होगा कि अफगानिस्तान उसे इतनी बुरी तरह से हराएगा

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एशिया कप और उसकी शुरुवात जब हैरान करने जैसी हो तो आप सोच सकते हैं कि आने वाले समय में कितना रोमांच बाकी है। श्रीलंका सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसे इतनी बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ेगा। वो तो भला हो राजपक्षे (38) और सी करुणारत्ने (31) का जिन्होंने सम्भलकर खेलते हुए श्रीलंका को 100 के पार ले गए। नहीं तो टीम का 50 रन बनना ही मुश्किल हो रहा था। टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करना अफगानिस्तान के लिए सही साबित हुआ जब पहले ही ओवर में मैन ऑफ द मैच बने फारूकी ने दो बल्लेबाजो को पवेलियन भेज दिया। कुशल मेंडिस 2 तो असलंका गोल्डन डक का शिकार हुए। इसके बस निशंका को भी 3 रन बनाकर पवेलियन जाना पड़ा।
कप्तान शानका भी गोल्डन डक का शिकार हुए। 5 रन के कुल योग पर 3 विकेट गिराकर श्रीलंका मुश्किल में खुद को डाल लिया था। इसके बाद गुणातीलका और राजपक्षे के बीच 44 रन की साझेदारी हुई और टीम का स्कोर जब 49 रन था तो गुणातीलका भी आउट हो गए। हालांकि इतने लो स्कोर मैच में राशिद खान को एक भी विकेट नहीं मिला। उन्होंने जरूर 4 ओवर में सिर्फ 12 रन दिए। फारूकी ने 11 रन देकर तीन विकेट, मुजीब 24 रन देकर 2 विकेट और नबी ने भी 14 रन देकर 2 विकेट झटके जबकि नवीन को एक विकेट मिला।
106 रनों के टारगेट मिलने के बाद ऐसा लगा कि कुछ फाइट जरूर मिलेगा। आखिर हसरंगा टॉप क्लास के बॉलर जो ठहरे। लेकिन अफगानिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज गुरबाज़ कहाँ रुकने वाले थे। ऐसा लगा मानो गुरबाज़ पवेलियन से ही मन बनाकर आये हो कि इसे जल्द ही खत्म करनी है। हसरंगा ने जरूर अपने तीन ओवर में मात्र 19 रन खर्च किये लेकिन उसके बाद बाकी सभी गेंदबाजों का जमकर क्लास लगाया गया।
अफगानिस्तान की सलामी जोड़ी ज़ाज़ई और गुरबाज़ ने 6 ओवर में ही 83 रन स्कोर बोर्ड पर टांग दिया। पावर प्ले खत्म होने के अगली ही गेंद पर गुरबाज़ आउट हो गए लेकिन तब तक उन्होंने अपना और टीम का काम कर दिया था। गुरबाज़ ने सिर्फ 18 गेंदों पर ही 40 रन ठोक डाले जिसमें 4 छक्के और 3 चौके शामिल हैं। ज़ाज़ई ने 28 गेंदों पर एक छक्के और 5 चौकों की मदद से ना सिर्फ 37 रनों की सूझबूझ पारी खेली बल्कि टीम को जीत भी दिलाया। 8 विकेट से जीत के साथ ही अफगानिस्तान ने बता दिया है कि वह इस सीरीज में सबकी क्लास लेने वाली है।
अमन पांडेय