क्या होता है मॉक विधानसभा सत्र जिसे आज दिल्ली भाजपा के विधायको ने आयोजित किया है


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नई दिल्ली, 26 अगस्त। कल दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। लोग कयास लगा रहे थे कि शायद इसपर केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति पर लग रहे कथाकथित आरोप के सभी सवालों का जवाब देगी लेकिन फिर इसमें जो कुछ हुआ वह किसी इतिहास से कम नहीं। विपक्ष यानी भाजपा के सभी 8 विधायको को मार्शल आउट कर दिया गया। कारण बताया गया कि भाजपा विधायक अजय महावर विधानसभा सत्र के शुरू होते ही मोबाइल से वीडियो बनाने लगे थे।


मार्शल आउट के बाद सभी भाजपा विधायकों ने विधानसभा के प्रांगण में ही मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि यदि किसी एक विधायक इस तरह की गलती करता है तो उसे विधानसभा निकाला जाए न कि पूरे विपक्ष को ही विधानसभा से बाहर कर दिया जाए।सरकार चाहती है नहीं है कि जनता के मुद्दे को विधानसभा में चर्चा हो सके इसके बाद ही उन्होंने आज यानी 26 अगस्त को अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में मॉक विधानसभा सत्र करने का ऐलान कर दिया।
अब समझते हैं कि आखिर यह होता क्या है?
दरअसल, विधानसभा सत्र का ही एक कॉपी है जिसका प्रारुप बनाकर अपनी बातों को रखा जाता है। जब विधानसभा में अपनी राय रखने का मौका नहीं मिलता है या फिर आपको विधानसभा में बोलने नहीं दिया जाता है तो आप इसका आयोजन कर जनता तक इस बात का संदेश पहुंचाने का प्रयास करते हैं कि हमें आपकी समस्याओं को विधानसभा में रखने का मौका नहीं दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की अगुवाई में आयोजित किए गए इस मॉक विधानसभा सत्र में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के फेस कटिंग पहनकर अन्य लोगों को भी बैठाया गया। जिसके बाद भाजपा विधायकों ने अपनी बात रखी। साथ ही यह भी बताया कि जनता के किस मुद्दे को वे विधानसभा में उठाना चाहते थे लेकिन उनके बोलने से पहले ही उन्हें मार्शल आउट कर दिया गया। आज अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में एक आभासी विधानसभा सत्र देखने को मिला। हालांकि भाजपा विधायकों ने विधानसभा में मार्शल आउट की शिकायत दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना से भी की है। सक्सेना ने उन्हें कानून और नियमों का हवाला देते हुए इस पर विचार करने की बात कही है।