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आज बात करेंगे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की। भोपाल को झीलों का शहर कहा जाता है। लेकिन सोमवार को यह झीलों की नगरी देश भर में चर्चा में रही। रविवार से लगातार मूसलाधार बारिश ने पूरे भोपाल शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया। सभी कुछ ठप हो गया।
बारिश के कहर में यह शहर कराह उठा। ट्रेन, बस और फ्लाइट सब कुछ रद करनी पड़ी। 6 साल बाद भोपाल में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने हाहाकार मचा दिया। सोमवार को ही भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक हो रही थी। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम भाजपा के नेता मौजूद थे।

वहीं इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आना था लेकिन इन दोनों मुख्यमंत्रियों के विमान को भोपाल एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति नहीं मिली। जिसकी वजह से यह दोनों नेता मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नहीं पहुंच पाए। बता दें कि मध्यप्रदेश समेत देश के 6 राज्यों में 48 घंटे से भारी बारिश हो रही है। भोपाल में अब तक 60 इंच बारिश हो चुकी है। 2016 में यहां 56.58 इंच बारिश हुई थी।
50 से ज्यादा डैम ओवर फ्लो हो गए हैं। बारिश के चलते भोपाल के बड़ा तालाब के बोट क्लब पर खड़ा क्रूज आधा डूब गया है। वहीं भोपाल आने वाली कुछ फ्लाइट कैंसिल कर दी गई हैं तो कुछ को डायवर्ट कर दिया गया है। एयर इंडिया की दिल्ली फ्लाइट इंदौर डायवर्ट की गई है।
एयर इंडिया की मुंबई फ्लाइट को नागपुर में उतारा गया। इंडिगो एयर की दिल्ली फ्लाइट खराब मौसम के कारण कैंसिल कर दी गई है। बारिश से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच सड़क संपर्क टूट गया है। इधर, राजस्थान के टोंक, बूंदी, कोटा में शहरों में सड़कों पर कई फीट पानी भर गया है। वहीं राजस्थान में 200 डैम ओवरफ्लो हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा किनारे वाले इलाकों में बाढ़ से 50 हजार छात्र पलायन कर गए हैं। इन सभी राज्यों में मंगलवार के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यानी अगले 48 घंटे बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।