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श्रीकांत त्यागी, भाजपा के किसान मोर्चा का सदस्य है लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए सरदर्द बन गया है। कारण है नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में महिला के साथ बदसलूकी करना। 2018 की एक चिट्ठी से पता चलता है कि श्रीकांत त्यागी के बीजेपी से संबंध थे। 27 अगस्त 2018 के नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) में साफ कहा गया है कि श्रीकांत त्यागी बीजेपी किसान मोर्चा की युवा किसान समिति के राष्ट्रीय सह-संयोजक हैं। लेकिन इस समय वह फरार है और उसके चक्कर में कई पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर चुका है।
नाम न बताने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने कहा कि त्यागी अगस्त 2018 से अप्रैल 2021 तक टीम का हिस्सा रहा। किसान मोर्चा में ज्यादा से ज्यादा युवाओं की भागीदारी की जरूरत के चलते ये विंग बनाया गया था। उस समय कई लोगों को नियुक्त किया गया था। त्यागी के अलावा मीडिया सलाहकार, सोशल मीडिया सलाहकार और सचिव जैसे पदों पर लगभग 20 नियुक्तियां की गईं थी। खबरों की माने तो त्यागी यूपी बीजेपी के एक अन्य सूत्र ने बताया कि त्यागी मोदीनगर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहा था लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया.
इतना ही नहीं इस पूरे मामले पर गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज का कहना है कि त्यागी को डेढ़ साल तक पुलिस सुरक्षा भी मिली थी। जिला समिति की रिपोर्ट के आधार पर खतरे की आशंका के चलते उसे अक्टूबर 2018 और फरवरी 2020 के बीच सुरक्षा दी गई. फरवरी 2020 के बाद सुरक्षा हटा दी गई थी। इसके अलावा उसके सोशल मीडिया पर भाजपा नेता जे पी नड्डा, केशव प्रसाद मौर्या इत्यादि के साथ उसकी फोटो भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
इसके बावजूद भाजपा के कई नेता इस बात को मानने से इंकार कर चुके हैं कि श्रीकांत त्यागी भाजपा सदस्य है। इस बारे में संबित पात्रा, सांसद महेश शर्मा सहित कई नेताओं ने बयान देकर इसपर स्पष्टीकरण दिया है कि नोएडा में महिला के साथ बदसलूकी कर रहे व्यक्ति का किसी भी तरीके से भाजपा से सम्बंध नहीं है।
बता दें नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में रहने वाले श्रीकांत त्यागी का एक वीडियो सोशल मीडिया और वायरल हुआ। जिसमें वह पेड़ लगाने के विवाद में महिला से गालीगलौज और बदसलूकी की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस एक्शन में आ गई और श्रीकांत त्यागी पर FIR दर्ज की गई। उसकी तलाश में अब तक कई ठिकानों पर पुलिस छापा मार चुकी है। त्यागी के खिलाफ नोएडा में अब तक पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
इतना ही नहीं इस मामले में लापरवाही के नज़्म पर 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जस चुका है जबकि नोएडा पुलिस उसपर 25 हजार रुपये का इनाम भी रख दी है। इस केस से जुड़े इंस्पेक्टर इंचार्ज, एक सब-इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है जो उसकी तलाश कर रही है। वहीं त्यागी के वकील सुशील भाटी का कहना है कि उनका क्लाइंट छिप नहीं रहा है, बल्कि दो दिन कोर्ट बंद होने की वजह से वो ऐप्लिकेशन के लिए इंतजार कर रहा है। वकील ने दावा किया कि उनका क्लाइंट न्यायिक व्यवस्था में सहयोग करना चाहता है, लेकिन उसे अपनी सुरक्षा की चिंता है।