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नई दिल्ली, 4 अगस्त। कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई अब कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं। उनका इस्तीफा भी लोकसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा मंजूर कर ली गई है। फिर हरियाणा का आदमपुर विधानसभा क्षेत्र अब उपचुनाव की तैयारी शुरू कर चुका है। विधानसभा को रिक्त घोषित कर चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद तीसरा उपचुनाव होगा। इससे पहले बरोदा में कांग्रेस के विधायक की मौत के बाद उपचुनाव हुआ था। वहीं किसान आंदोलन के दौरान ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया था। वहां दूसरा उपचुनाव हुआ।

अब चुनाव आयोग को फैसला लेना है कि आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कब कराए जाएंगे। लेकिन विश्नोई का इस्तीफा देना और भाजपा में मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में शामिल होना दोनों समीकरण के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा में अंतर्कलह न पैदा हो जाये। इसका कारण है सोनाली फोगाट। सोनाली 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। ऐसे में अगर फिर से उपचुनाव में भाजपा की ओर से उन्हें ही टिकट मिलेगा या फिर विश्नोई की इच्छा पूरी की जाएगी। क्योंकि बिश्नोई उस सीट से अपने बेटे भव्य विश्नोई को चुनाव जिताने की कोशिश करेंगे। इसका साफ संकेत भी वह दे चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसका फैसला अला कमान के हाथों में हैं।

दूसरी तरफ सवाल यह भी है कि क्या सोनाली उस सीट को कुलदीप बिश्नोई के लिए छोड़ देंगी, क्योंकि सोनाली फोगाट सार्वजनिक मंचों पर कई बार ऐलान कर चुकी हैं कि उन्हें आदमपुर हलके से कोई अलग नहीं कर सकता। मौजूदा विधायक कांग्रेस से कुलदीप सिंह बिश्नोई थे, जिन्होंने विधायकी से इस्तीफे के साथ ही कांग्रेस पार्टी से भी त्यागपत्र दे दिया है।
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में यह तीसरा उपचुनाव होगा। इससे पहले बरौदा और ऐलनाबाद में उपचुनाव हो चुके हैं। दोनों उपचुनाव भाजपा व जजपा ने मिलकर लड़े हैं। ऐसे में आदमपुर का चुनाव हुआ तो यहां भी दोनों दल मिलकर लड़ सकते हैं। बरौदा में कांग्रेस प्रत्याशी इंदु नरवाल और ऐलनाबाद में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला चुनाव जीते थे।



हालांकि कुलदीप इस सीट से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी वो इस सीट को आसानी से नहीं जीत पाएंगे, क्योंकि कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश (JP) को आदमपुर में उतारने की तैयारी बताई जाती है, हालांकि 2009 के चुनाव में बिश्नोई ने जेपी को हरा दिया था। अगर सोनाली BJP में रहती हैं तो कुलदीप बिश्नोई के लिए चुनाव जीतने में आसानी होगी। वहीं अब देखना यह होगा कि अब देखना यह होगा कि भाजपा सोनाली को कैसी मनाती है या फिर सोनाली आम आदमी पार्टी और इनेलो का हाथ थामेंगी?