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दिल्ली में लगातार विकास कार्यों को लेकर केजरीवाल सरकार नए-नए वायदें कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष द्वारा उनके मंत्रियों और उनकी पॉलिसी को लगातार सवालों के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। इसी बीच केजरीवाल सरकार की ओर से एक और वायदा किया गया। केजरीवाल सरकार दिल्ली के तीमारपुर में 40 एकड़ में झील बनाने का काम शुरु कर दी है। यह झील कई मायनों में दिल्लीवालों के लिए बेहतर साबित होगा।
केजरीवाल सरकार का मानना है कि इस झील के तैयार होते ही दिल्ली की सुंदरता में चार चांद लग जाएगा और साथ ही इससे 2.5 करोड़ लीटर पानी को शुद्ध किया जा सकेगा। इतनी बड़ी सौगात के बाद अब इसपर राजनीति भी शुरु हो गई है। भाजपा ने इसे मुंगेरी लाल के सपने बताया और कहा कि केजरीवाल पिछले आठ सालों से युवाओं को वाई-फाई, दिल्ली को सीसीटीवी कैमरे, स्मोग टावर, बसों में मार्शल आदि का सपना दिखाकर दिल्लीवालों को झांसा दे रहे हैं और इसके नाम पर करोड़ों रुपये का विज्ञापन अपना चेहरा चमकाने के नाम पर खर्च कर रहे हैं।
भाजपा दिल्ली प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि 65000 करोड़ रुपये के बजट के बावजूद दिल्ली सरकार ने पर्यायवरण को ठीक नहीं कर पाई। चार सालों में 883 करोड़ रुपये पर्यावरण सेस वसूल करने वाली केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण के नाम पर सिर्फ 1.6 फीसदी ही खर्च किया है। हालांकि केजरीवाल पर यमुना सफाई को लेकर शुरु से ही भाजपा या कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि जब भी कोई चुनाव या तो दिल्ली में या फिर किसी अन्य राज्यों में होता है तो केजरीवाल को यमुना सफाई की याद आने लगती है।