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भाजपा के सांसद हैं निशिकांत दुबे, झारखंड से तीसरी बार भाजपा सांसद के रूप में जनता ने चुन कर भेजा है। संसद चल रहा है जिसमें तर्क-कुतर्क के साथ-साथ सरकार की उपलब्धियां और विफलताओं को गिनवाने की होड़ मची है। भाजपा सांसद मोदी सरकार की जनकल्याण कारी नीतियों का बखान और उससे फायदा गिनवाने में लगे हुए हैं। जबकि विपक्ष महंगाई सहित तमाम विकास के मुद्दों पर मोदी सरकार की कमजोरियों को बताने का काम कर रहा है। इसी बीच निशिकांत दुबे की चर्चा शुरू हो गई क्योंकि निशिकांत दुबे ने संसद में मोदी की प्रधानमंत्री अन्न योजना के बारे में विस्तार से बताने लगे। सदन के दौरान उन्होंने कहा,
“देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त में खाना उपलब्ध करवा रहे हैं, तो क्या हम बधाई के पात्र नहीं हैं? क्या हमें प्रधानमंत्री जी को बधाई नहीं देना चाहिए?”
सुनिए यह वीडियो-
भाजपा सांसद दुबे बोल रहे हैं कि देश के 80 करोड़ लोग फ्री फंड का खाना खा रहे हैं, वो खाते टाइम और सुबह जाते टाइम वाह मोदी वाह क्यों नहीं करते। pic.twitter.com/PaelYBbZ77
— Rofl Gandhi 2.0 🏹 (@RoflGandhi_) August 1, 2022
निशिकांत दुबे ने सदन के दौरान तो बोला ही लेकिन जब उन्हें टैग करते हुए एक ट्वीटर यूजर्स ने ट्रोल करने की कोशिश की कि
भाजपा सांसद दुबे बोल रहे हैं कि देश के 80 करोड़ लोग फ्री फंड का खाना खा रहे हैं, वो खाते टाइम और सुबह जाते टाइम वाह मोदी वाह क्यों नहीं करते।
इस पर सांसद महोदय को रहा नहीं गया और उन्होंने इस ट्वीट के जवाब में लिखा,
अपने देश के 80 करोड़ जनता को हमने अपने परिवार की तरह रखा है और रखेंगे, 80 करोड़ जनता को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राशन दिया गया है लेकिन जो पार्टी 80 सीट ना जीत पायी हो और जिसने 80 करोड़ जनता को भुखमरी में झोका उसका पर्दाफाश तो हम इसी प्रकार करेंगे।
यह 80 सीट का तंज निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर किया। लेकिन इस पूरे प्रकरण का एक और पहलू है जिसे समझने में शायद उनसे चूक हो गई। सांसद महोदय को यह भी समझने की जरूरत है कि देश में 2014 से नरेंद्र मोदी की सरकार है और महंगाई लगभग दो गुने से ज्यादा हो गई हैं। सुविधाएं बेचतर हो गई है, इससे मानने में गुरेज कोई नहीं करता लेकिन अगर सिर्फ 8 सालों में लगभग दिनचर्या में प्रयोग होने वाली वस्तुएं और खासकर खाद्य पदर्थों का इस तरह से बढ़ना, हर एक व्यक्ति की जेब पर भारी पड़ रहा है।
इसके साथ ही मोदी सरकार के पिछले 8 सालों के कार्यशैली पर भी ये 80 करोड़ जनता का मुफ्त राशन देना सवाल उठाता है। 130 करोड़ की जनसख्या वाले देश में अगर 80 करोड़ लोग सरकार के राशन से खाना खा रहे हैं या फिर सरकार को 80 करोड़ लोगों को राशन देने की नौबत आई है तो यह उपलब्धि नहीं है बल्कि विफलता है।