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क्या आपको मालूम है कि हमारे सबसे पसंदीदा कोल्ड ड्रिंक में से एक ‘Sprite’ (स्प्राइट) अब नए अवतार में आने वाला है?
जी हां स्प्राइट बनाने वाली कंपनी Coca Cola (कोका कोला) अब जल्द ही स्प्राइट की बॉटल ग्रीन से वाइट करने वाली है।
क्यों हुआ यह बदलाव:
दरअसल Sprite बनाने वाली अमेरिकी कंपनी कोका कोला ने 61 साल बाद इस पॉपुलर कोल्ड ड्रिंक को हरे रंग की जगह सफेद या ट्रांसपेरेंट बोतलों में बेचने का फैसला किया है।कोका कोला ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए कंपनी ने ये निर्णय लिया है। कंपनी का कहना है कि स्प्राइट की हरे रंग की बोतल को रिसाइकिल करके बोतल नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए कंपनी ने इसे बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, रिसाइकिल करके इससे अन्य प्रोडक्ट जरूर बनाए जा सकते हैं।
क्यों बदला बोतल का रंग:
हरे रंग की प्लास्टिक बोतल पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) से बनी होती है। इसे रिसाइकिल करके अक्सर कालीन और कपड़ों जैसे सिंगल यूज वाले वाले प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। कंपनी का कहना है कि सफेद या ट्रांसपेरेंट बोतल को रिसाइकिल करके दोबारा बोतल बनाया जा सकता है। ग्रीन प्लास्टिक को आमतौर पर रिसाइकिल किया जाता है, लेकिन हमेशा ये काम आसान नहीं होता। हरे रंग की वजह से कई ये दोबारा इस्तेमाल करने लायक नहीं बच पाता है।
1961 में हुई थी शुरुआत:
आपको बता दें कि साल 1961 में पहली बार कोका कोला ने लेमन लाइम सॉफ्ट ड्रिंक के रूप में स्प्राइट को लॉन्च किया था। अगले साल यानी 1961 में कोका कोला ने स्प्राइट को पेप्सी से 7up से मुकाबले के लिए मार्केट में उतारा। और आज के समय में स्प्राइट दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बिकने वाली सॉफ्ट ड्रिंक है। स्प्राइट की बिक्री भारत समेत 190 देशों में होती है।
धीरे-धीरे रिप्लेस होगी बोतल:
कंपनी की ओर से जारी जानकारी में यह कहा गया है कि नई बोतल की शुरुआत वो नॉर्थ अमेरिका से करने वाली है। धीरे-धीरे भारत समेत दुनिया भर से स्प्राइट की हरे रंग की बोतल को रिप्लेस किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोका कोला हर साल बोतलें बनाने के लिए करीब 30 लाख टन प्लास्टिक का इस्तेमाल करती है। 2021 में कोका कोला का सालाना रेवेन्यू 38.66 अरब डॉलर( 3 लाख करोड़ रुपये) था।