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नई दिल्ली, 30 जुलाई। दिल्ली में अब कोई भी ठेकेदार नए शराब के ठेके लेने को तैयार नहीं। इसका कारण है केंद्र सरकार द्वारा ईडी और सीबीआई के माध्यम से लगातार डराना। यह आरोप है दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का। आज प्रेस वार्ता के जरिये सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली में गुजरात जैसी जहरीली शराब से त्रासदी नहीं चाहते, इसलिए दिल्ली पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी।
दिल्ली में नई आबकारी नीति पर मचे बवाल के बीच दिल्ली आबकारी विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सिसोदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग चाहते हैं दिल्ली में शराब की किल्लत हो क्योंकि अगर किल्लत होती है तो इन्हें फायदा होता है। ये लोग नकली शराब बनाकर बेचते हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी सरकार पिछले साल नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई थी। 2021-22 की पॉलिसी लागू होने से पहले दिल्ली में ज्यादातर सरकारी दुकानें थीं।
सिसोदिया ने भाजपा पर आरोप लगाया कि दिल्ली में जो प्राइवेट दुकाने थी उनके लाइसेंस भाजपा के नेताओं ने अपने लोगों को दे रखे थे और उसके बदले में मोटी रकम वसूल कर रहे थे। पहल बहुत कम लाइसेंस फीस लिया जाता था लेकिन भाजपा के नेताओ ने उसमें भी भ्र्ष्टाचार किये थे लेकिन जब नई आबकारी नीति लागू हो गई तो इससे उनकी परेशानी बढ़ गई। पहले दिल्ली में 850 दुकानें होती थी और हमने नई पॉलिसी में तय किया कि उतनी ही दुकानें खोली जाएंगी, कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी।
सिसोदिया ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार को 6000 करोड़ रुपये का रिवेन्यू मिलता था अब 9500 करोड़ रुपये का रिवेन्यू आने लगा है। आज दिल्ली में कुल 468 दुकानें ही चल रही हैं और एक अगस्त से कई और दुकान कम हो जाएंगी क्योंकि सीबीआई, ईडी के डर से कई और लोग भी दुकानें छोड़कर जाने वाले है। इसलिए 1 अगस्त से पुरानी शराब नीति अगले छह महीनों के लिए लागू होगी। आपको बता दें कि भाजपा ने नई शराब नीति में भ्रष्टाचार होने का दावा कर रही है जिसको लेकर उपराज्यपाल ने इसकी जांच कराने के आदेश दिए हैं। इसी को लेकर दिल्ली की राजनीति गरमाई हुई है।