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नई दिल्ली, 25 जुलाई। दिल्ली के उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से इसकी जांच करने का आदेश देते हुए कहा है कि इसकी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर तैयार करें और इसे केजरीवाल के पास भेजें। उपराज्यपाल ने जो जांच कराने के आदेश दिए हैं यह शिकायत वकीलों, ज्यूरिस्ट और प्रतिष्ठित नागरिकों के एक संगठन की तरफ से मिली है, जिस पर एलजी ने जांच के आदेश दिए हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई आबकारी नीति को लेकर एक और जांच के आदेश दिए हैं। सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद अब उपराज्यपाल ने लाइसेंस वितरण को लेकर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। वकीलों की एक संस्था द्वारा उपराज्यपाल को भेजी गई एक शिकायत को आगे बढ़ाते हुए उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को इंक्वायरी करने के आदेश दिए हैं। 2 हफ्ते में मामले पर रिपोर्ट तलब की है। उपराज्यपाल को भेजी गई शिकायत में यह कहा गया है कि ब्लैकलिस्टेड और एकाधिकार रखने वाली कंपनियों और शराब के ठेकेदारों को लाइसेंस दिए गए हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह भाजपा का संघर्ष का नतीजा है और 15 दिनों के अंदर केजरीवाल के भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खुलने वाला है। आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते से लगातार उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के मामले में तेज़ी दिखाई गई है। और तेजी का नतीजा है कि फिलहाल दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।