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यह खबर उनके लिए अच्छी है जो अंतरिक्ष में सैर करना चाहते हैं। देश के लोगों को अब जल्द ही अंतरिक्ष की सैर करने का मौका मिलने वाला है। इसको लेकर इसरो स्पेस टूरिस्ट फ्लाइट तैयार कर रहा है। आने वाले समय में दुनियाभर में स्पेस टूरिज्म प्रोजेक्ट का मार्केट कई मिलियन डॉलर का होगा। इस रेस में जल्द भारत भी शामिल होगा। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर का कहना है कि लो अर्थ ऑर्बिट यानी धरती की सबसे करीब सतह पर जाने के लिए स्पेस एजेंसियां स्वदेशी फ्लाइट तैयार करने में लगी हुई हैं। अंतरिक्ष में लोगों को घुमाने वाले मिशन को भारत ने ‘गगनयान मिशन’ नाम दिया है।
अंतरिक्ष का क्षेत्र पहले ही अरबों डॉलर का उद्योग हो चुका है और अमेरिका का निजी क्षेत्र तो पहले ही इसकी प्रतिस्पर्धा में कूद चुका है। इसरो भी अपनी अंतरिक्ष पर्यटन क्षमता को विकसित करने पर काम शुरू कर चुका है। आने वाले समय में इस उद्योग में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। लेकिन अभी तक इसरो ने एक भी इंसान को अंतरिक्ष में नहीं भेजा है। इसरो की इस योजना की जानकारी भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी मंत्री डॉ जीतेंद्र प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अंतरिक्ष पर्यटन के लिए स्वदेशी क्षमताएं विकसित करने की प्रक्रिया में शामिल हो चुकी है। वह पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन के जरिए इस क्षेत्र में प्रवेश करेगी।