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नई दिल्ली, 14 जुलाई। बच्चों को पढ़ाई के लिए शुरुआती कक्षाओं में तनाव ना हो इसके लिए केजरीवाल सरकार हैप्पीनेस उत्सव मना रही है। नर्सरी से लेकर 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए इस साल यह उत्सव 8 जुलाई से शुरु हुआ था और आज दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्य आतिथी गौर गोपाल दास ने भाग लिया जिसमें बच्चों को खुश रहने, तनाव मुक्त रहने जैसी तमाम बातों पर विस्तार से चर्चा की गई। आज इस कार्यक्रम का चौथा साल मनाया जा रहा है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो परिवर्तन उनकी तरफ से किए गए वो अब तक किसी सरकार ने नहीं किए थे।
इस कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा,
“देश के इतिहास में पहली बार बच्चों को अच्छा इंसान बनने और खुश रहने की शिक्षा दी जा रही है। शिक्षा का ये सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है, पर ये अभी तक कभी नहीं सिखाया गया। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयोग हो रहे हैं, वे देश ही नहीं, आने वाले समय में पूरी मानवता को राह दिखाएंगे।”





बता दें कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की खुशी और उनकी प्रसन्नता के लिए दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा जुलाई महीने में नर्सरी से लेकर 8वीं कक्षा तक के छात्रों के हैप्पीनेस उत्सव मनाए जाने के निर्देश सभी को दिए हैं। इसी के तहत सभी स्कूलों में जुलाई महीने में यह उत्सव मनाया जाता है। वहीं हैप्पीनेस उत्सव 2022 को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बताया, हर दिन स्कूल खुलने के बाद 50 मिनट इस उत्सव को देने होंगे। इस उत्सव में दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र भाग लेंगे। दिल्ली सरकार ने कहा, सभी स्कूलों की पहली क्लास के दौरान कक्षा एक से लेकर 8वीं तक के बच्चे इस उत्सव में भाग लेंगे।
इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की जगह केजरीवाल सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। जर्जर हो चुकी कई स्कूलों की बिल्डिंग्स को सुधारने की जगह स्टूडेंट्स को उसी बिल्डिंग्स में पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं दिल्ली में जब से केजरीवाल सरकार आई है पहले से चली आ रही 22 स्कूलों को बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल पहली बार आए थे तो उन्होंने 500 स्कूल खोलने की बात कही थी लेकिन आज वे अपने सात सालों के कार्यकाल में ना तो एक भी नया स्कूल बनवा सके और जो पहले से चले आ रहे थे, उनको भी बंद कर दिया। अपनी मार्केटिंग करने के लिए केजरीवाल 9वीं और 11वीं में बच्चों को फेल कर रहे हैं ताकि 10वीं और 12वीं में अच्छे रिजल्ट दिखाकर वाहवाही लूटी जाए।