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नई दिल्ली, 11 जुलाई। भारत और इंग्लैंड के बीच तीन टी20 मैचों की सीरीज को भारत 2-1 से अपने नाम कर चुका है। अंतिम मैच इंग्लैंड ने 17 रनों से जीता लेकिन कहते हैं कि तुम्हारी जीत से ज्यादा चर्चा हमारी हार की होगी। भारत के साथ वही हो रहा है। चारों तरफ SKY यानी सूर्यकुमार यादव की चर्चाएं हो रहीं हैं। सूर्य कुमार यादव ने इंग्लैंड द्वारा दिये गए 216 रनों की पहाड़ सा स्कोर को बौना बना दिया और भारत के लिए वन मैन आर्मी की तरह लड़ते रहे। हालांकि जीत ना पाने की मलाल जरूर रह गई लेकिन जॉस बटलर ने भी SKY की जमकर तारीफ की। सूर्यकुमार यादव भारत के पांचवे बल्लेबाज बने जिन्होंने टी-20 फॉर्मेट में शतक ठोका हो।

216 रनों का पीछा करते हुए भारत का एक बार फिर से टॉप ऑर्डर फेल हो गया। पंत कोहली और रोहित शर्मा का विकेट भारत ने सिर्फ 31 के स्कोर पर खो दिया। ऐसे में इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना पहले ही असम्भव सा लग रहा था लेकिन सूर्यकुमार यादव ने दिखाया कि अब अगर आप अभी तक डिविलियर्स को 360 कहते रहे हैं तो आपको 360 कहने के लिए एक और नाम सूर्यकुमार यादव का भी लेना चाहिए। 55 गेंदों में 117 रनों की पारी जिसमें 6 छक्के और 14 चौके जो मैदान के चारों तरफ खेले गए थे। कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे को SKY ने और मजबूत कर दिया।

10 दिसम्बर 2011 को रोहित शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि आने वाले समय में सूर्यकुमार यादव एक बेहतरीन खिलाड़ी साबित होंगे और उनकी ये बात इंग्लैंड के साथ तीसरे टी20 मैच में सही साबित हुई। सूर्या पांचवे बल्लेबाज बने जिन्होंने भारत की ओर से टी20 में शतक लगाया। इससे पहले यह कारनामा रोहित शर्मा, सुरेश रैना, के एल राहुल और दीपक हुड्डा कर चुके हैं। रोहित ने टी20 अंतरराष्ट्रीय में वेस्टइंडीज, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका व इंग्लैंड जैसी 4 बड़ी टीमों के खिलाफ शतक जमाया है। राहुल ने अपना पहला शतक साल 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़ा था जबकि दूसरा शतक साल 2018 में इंग्लैंड टीम खिलाफ खेलते हुए जड़ा था। सुरेश रैना ने साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए एक टी20 मैच में 60 गेंदो में 101 रनों की शतकीय पारी खेली थी। दीपक हुड्डा ने आयरलैंड के खिलाफ डबलिन में खेले गए दूसरे टी20 में 57 गेंदो में 9 चौके व 6 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 104 रन बनाए और टी20 में भारत के लिए शतक लगाने वाले चौथे भारतीय बन गए।
इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के कारण:





215 रनों तक इंग्लैंड को पहुँचाने में डेविड मलान का सबसे बड़ा हाथ था जिनका एक कैच हर्षल पटेल ने छोड़ दिया। मलान जब 4 रन के निजी स्कोर पर बैटिंग कर रहे थे तब हर्षल ने उनका कैच छोड़ा था और उसके बाद 39 गेंदों में 77 रनों की पारी खेली। 19वे ओवर में कोहली ने लिविंगस्टन का कैच छोड़ा जो बेहद तेज गति से रन बना रहे थे। इसके अलावा भारत की गेंदबाजी यूनिट बेहद नई थी। जडेजा के अलावा किसी के पास दबाव को झेलने की क्षमता नहीं थी और वह उनकी बोलिंग में भी नजर आया। आवेश खान और उमरान मलिक ने मिलकर अपने कोटे के 8 ओवर में 99 रन लुटाए। जबकि भारत इस मैच में सिर्फ पांच गेंदबाजों के साथ ही उतरा था। टॉप ऑर्डर का फेल होना और दिनेश कार्तिक एवं जडेजा का फिनिशर रोल न निभा पाना भी हार का एक कारण बना।