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यूरोप से कोलकाता लौटे युवक में मंकीपॉक्स के दिखे लक्षण, क्या भारत में भी पहुंचा मंकीपॉक्स?

1st Suspected Monkeypox Case In Bengal
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अफ्रीका समेत कई देशों में असर के बाद मंकीपॉक्स ने भारत में भी दस्तक दे दी है। दरअसल हाल ही में यूरोप से कोलकाता लौटे एक युवक में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं। इस वायरल बीमारी जैसे चकत्ते और लक्षणों के साथ इस युवक को अस्पताल में भर्ती किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस युवक की पहचान का खुलासा नहीं किया है। क्योंकि अभी इस युवक की रिपोर्ट का इंतजार है। यह रिपोर्ट पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आना है। इसी बीच स्वास्थ्य सेवा निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि इस समय घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि रिपोर्ट के बाद ही यह पुष्टि हो सकेगी, कि युवक को मंकीपॉक्स है या नहीं।

आइसोलेशन में रख कर डॉक्टर्स रख रहे निगरानी:


दरअसल, युवक के शरीर पर चकत्ते का पता चलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोई जोखिम नहीं उठाया क्योंकि वह हाल ही में यूरोप से लौटा था, जहां वह पढ़ाई करने के लिए गया था। उसे शहर के अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। डॉक्टर्स पूरी निगरानी रख रहे हैं। राहत की बात यह है कि युवक के परिजन में इस तरह के लक्षण नहीं दिखे। हालांकि ऐसे लक्षण दिखाई देने पर उस परिवार से कहा गया है कि वे अस्पताल को सूचित करे।

इन अफ्रीकी देशों में आम है यह वायरस:

मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में मंकीपॉक्स वायरस सबसे आम है। लेकिन यूरोप और अमेरिका में भी इसके फैलने की खबरें पिछले दिनों आई है। दरअसल, यह स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपॉक्स हो जाए।

क्या है मंकीपॉक्स, क्या हैं लक्षण:

दरअसल मंकीपॉक्स एक बीमारी का रूप है जो देखने में चेचक जैसा लगता है लेकिन उसका बड़ा रूप है। इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। हालांकि यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन में दिखने लगते हैं। इसमें बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी शामिल है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं। गंभीर स्थिति में ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसका सही इलाज तो अभी नहीं हैं, लेकिन चूंकि यह चेचक का ही बड़ा स्वरूप लगता है, इसलिए चेचक की वैक्सीन को मंकीपॉक्स के खिलाफ असरदार माना जाता है।

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