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केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह। जनता दल (यू) के नेता हैं और उस वक्त मोदी मंत्रिमंडल में जगह भी बनाए हुए हैं। उनके बारे में अचानक खबरें उड़नी शुरु हुई कि वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। सभी टीवी चैनलों ने इसे ‘सबसे आगे’ के चक्कर में खबर भी ब्रेक कर दी लेकिन किसी ने इसकी सत्यता की जांच तक नहीं की। लेकिन सोशल मीडिया पर उड़ रही खबर झूठा निकला क्योंकि आरसीपी सिंह अभी भी जदयू में ही हैं।
आखिर खबर क्यों उठी?
हैदराबाद में भाजपा का दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक शुरु हो चुकी है। जिसमें कई बड़े दिग्गज नेता शामिल हुए। इसमें आरसीपी सिंह भी शामिल हुए थे और वहीं से उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह अपने विभाग से जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेने हैदराबाद गए थे। जिनका एयरपोर्ट पर भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने आ रहे नेताओं के स्वागत में पोस्टर लगाए गए थे। उसके सामने ही केंद्रीय मंत्री होने के नाते आरसीपी सिंह का भी स्वागत कर दिया गया। बस फिर क्या था भाजपा में शामिल होने की उनकी अफवाह ने जोड़ पकड़ लिया।
सफाई में क्या बताया गया
इस पूरे विवाद के बाद हैदराबाद की बैठक में शामिल हुए बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने साफ कहा कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह हमारी बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। मैं पूरी बैठक में था हमारी कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह शामिल नहीं हुए थे। नितिन नवीन के बाद सुशील मोदी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस खबर को ‘पूरी तरह से भ्रामक समाचार’ करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि RCP सिंह सरकारी कार्यक्रम के सिलसिले में हैदराबाद आए होंगे और एयरपोर्ट पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत कर दिया।
आरसीपी सिंह का पिछले कुछ समय से जदयू के साथ मनमुटाव चल रहा है। कारण जदयू द्वारा तीसरी बार उन्हें राज्यसभा की टिकट न देना है। ऐसे में अटकले इस खबर से यह भी जोड़कर लगाई गई कि नरेंद्र मोदी सरकार में स्टील मंत्री और जेडीयू नेता आरसीपी सिंह का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके बाद वो केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रहेंगे या नहीं रहेंगे, वह भाजपा के आलाकमान की मेहरबानी का नतीजा होगा। नियम के मुताबिक छह महीने तक बिना किसी सदन के सदस्य रहे मंत्री रह सकते हैं। लेकिन, इन छह महीनों में लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बन जाना अनिवार्य है। जदयू ने आरसीपी सिंह की जगह खीरू महतो को राज्यसभा का सदस्य बना दिया।