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जनता दल यूनाइटेड ने बिहार मे बड़ा कदम उठाया है। बिहार जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगातार शामिल रहने के आरोप में प्रदेश महासचिव अनिल कुमार एवं विपिन कुमार यादव सहित प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक को पदमुक्त कर दिया है और साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है। इसके अलावा जदयू ने भंग समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र नीरज को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
जेडीयू से निकाले जाने के बाद @alok_ajay ने दी अपनी प्रतिक्रिया: "बड़ी देर कर दी मेहरबा आते आते, बहुत बहुत धन्यवाद मुझे मुक्त करने के लिए"@Jduonline @NitishKumar @RCP_Singh @LalanSingh_1 @UpendraKushJDU #AjayAlok #JDU #Bihar #BiharNews pic.twitter.com/wsugHf1ho5
— DW Samachar (@dwsamachar) June 14, 2022
जदूय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों पर दल को मजबूत एवं सशक्त करने का दायित्व होता है जबकि अपनी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल पार्टी एवं पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार को मजबूती प्रदान करने के लिए लगाने का होता है, लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी के कुछ पदाधिकारी दलहित से हटकर पार्टी के विपरित समांतर कार्यक्रम चलाते हैं जो कि पार्टी के हित में ठीक नहीं था और कार्यकर्ताओं के बीच दलभ्रमित करने का काम कर रहे थे। इसलिए पार्टी को ऐसा निर्णय लेना पड़ा।
पार्टी के इस फैसले के बाद बिहार राजनीति में हलचल सी मची हुई है। प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक ने खुद ही ट्वीट करते हुए कहा कि बहुत बहुत धन्यवदा मुझे मुक्त करने के लिए। दरअसल अजय आलोक को हटाने के पीछे यह भी कारण बताया जा रहा है कि वह सार्वजनिक फोरम या डिबेट में भाजपा की तरफदारी कर रहे थे। कभी-कभी पार्टी के लाइन से हटकर भी बयान दे रहे थे। मोदी सरकार में मंत्री आर सी पी सिंह और नीतीश कुमार के रिश्ते ख़राब हो गए हैं। इसीलिए नीतीश ने इस बार उन्हें राज्य सभा चुनाव का टिकट भी नहीं दिया।