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भारत के कैप्टन कूल के नाम से मशहूर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम एक ऐसे मामले में आया है जो उनके कैलिबर को शोभा नहीं देता। कैप्टन कूल के बारे में आज तक बहुत कम बार ही ऐसा देखा गया है कि उनके नाम कोई केस दर्ज होता हो। लेकिन बिहार के बेगूसराय में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जब चेक बाउंस के एक मामले में डीएस इंटरप्राइजेज के मालिक नीरज कुमार निराला ने न्यू ग्लोबल उपज बर्द्धक इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी समेत कंपनी के सात लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है। धोनी के अलावा कंपनी के मार्केट स्टेट हेड अजय कुमार, सीईओ राजेश शर्मा, डायरेक्टर अकाउंट एडमिनिस्ट्रेशन महेंद्र सिंह, मार्केटिंग हेड अर्पित दुबे, एडी इमरान बिन जफर, मार्केटिंग मैनेजर बंदना आनंद पर सीजेएम की अदालत में केस दर्ज कराया है।
दर्ज हुए मामले में नीरज निराला का आरोप है कि वर्ष 2021 में उन्होंने 36 लाख 86 हजार रुपए देकर फर्टिलाइजर का मार्केटिंग करने वाली उक्त कंपनी का सीएनएफ लिया था। प्रॉडक्ट की मार्केटिंग बेहतर नहीं होने के कारण उन्होंने कंपनी के द्वारा भेजा गया फर्टिलाइजर वापस कर दिया, जिसके एवज में कंपनी ने तीस लाख रुपए का चेक जारी किया। इस चेक को बैंक में क्लीयरेंस के लिए दिया गया जो चेक बाउंस हो गया। जिसके बाद उन्होंने कंपनी को नोटिस भेजा लेकिन कम्पनी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

धोनी का नाम क्यों?
दरअसल जिस डीएस इंटरप्राइजेज कम्पनी को लेकर यह सारा लफड़ा शुरू हुआ है उसी कम्पनी के प्रोडक्ट का ऐड धोनी करते हैं। जिसके लिए निराला ने कंपनी का विज्ञापन करने वाले महेंद्र सिंह धोनी समेत सभी को आरोपित बनाते हुए सीजेएम रूम्पा कुमारी के समक्ष परिवाद पत्र दायर कर दिया। अगली सुनवाई के लिए 28 जून की तारीख तय की गई है न्यायालय ने भारतीय दंड विधान की धारा 406 एवं 420 तथा 138 एनआई एक्ट के इस मुकदमे को जांच व निस्तारण के लिए न्यायिक दंडाधिकारी अजय मिश्र के यहां ट्रांसफर कर दिया है।