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हार्दिक पांड्या एक कप्तान, हार्दिक पांड्या एक आलराउंडर और हार्दिक पांड्या जैसा खिलाड़ी गुजरात के खेमे को जिस तरह से पूरी जर्नी सभी खिलाड़ियों के साथ चला है, वह वाकई बेहतरीन है। पहली बार आईपीएल खेल रही टीम जिसका कप्तान सिर्फ मुम्बई के लिए खेला भर था कप्तानी का तजुर्बा नहीं और जब वैसा कप्तान अगर खुद बेहतर प्रदर्शन कर टीम के खिलाड़ियों के साथ ट्रॉफी उठाये जश्न मनाता दिखे तो यह वाकई बेहतरीन है। राजस्थान ने यह सोचकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया कि शायद जिस कप को उठाने की शुरुआत उसने की थी वह एक बार फिर से उसकी हाथों में हो लेकिन हार्दिक पांड्या ने पहले बॉलिंग और फिर बैटिंग कर राजस्थान की सोच पर पानी फेर दिया।




जबकि आज तक के वाइट बॉल क्रिकेट इतिहास में एक लाख 06 हजार दर्शक पहली बार किसी मैच को देखने फील्ड में आये थे।
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राजस्थान का कोई भी बल्लेबाज आज कुछ खास नहीं कर पाया। एक बटलर के भरोसे चल रही राजस्थान की गाड़ी आज जवाब दे गई। हार्दिक पांड्या ने मात्र 17 रन देकर तीन प्रमुख बल्लेबाजों कप्तान संजू सैमसन, जोस बटलर और हेटमायर को पवेलियन का सिर्फ रास्ता ही नहीं दिखाया बल्कि राजस्थान को एक बड़े टोटल खड़ा करने के मंसूबो पर पानी फेर दिया। राजस्थान को मात्र 130 रनों पर ही रोक दिया। जोस ने एक बार फिर से सर्वाधिक 39 रनों की पारी खेल ऑरेंज कैप को अपने नाम किया।










130 रनों का पीछा करने उतरी गुजरात की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही और रिद्धिमान साहा ने एक बार फिर से निराश किया जिन्हें सिर्फ 5 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर प्रसिद्ध कृष्णा ने बोल्ड कर दिया। इसके बाद मैथ्यू वेड भी 8 के निजी स्कोर पर चलते बने लेकिन इसके बाद आये हार्दिक पांड्या ने बताया कि उनके जैसा कोई ‘हार्डिच’ नहीं है। पांड्या शुभमन गिल के साथ 23 से टीम के स्कोर को 86 तक ले गए। 34 रन पर पंड्या बैटिंग कर रहे थे और लगा कि गुजरात आराम से जीत जाएगी तभी चहल ने पांड्या को जायसवाल के हाथों कैच करवाया और पांड्या के विकेट के साथ ही पर्पल कैप भी अपने नाम किया। इसके बाद मिलर ने एक बार फिर टीम को मझधार से बाहर निकाला और गिल के साथ टीम को जीत तक ले गए। 45 रनों की अविजित पारी खेलने वाले शुभमन गिल ने छक्का लगाकर टीम को ट्राफी दिलाई। मिलर 19 गेंदों में 32 रन बनाकर नाबाद रहे।


हरफनमौला प्रदर्शन के लिए कप्तान हार्दिक पांड्या को प्लयेर ऑफ द मैच चुना गया। ऐसा आईपीएल इतिहास में सिर्फ तीसरी बार हुआ जब कप्तान को फाइनल में मैन ऑफ द मैच दिया गया हो। साल 2009 में अनिल कुंबले को (4/16) और 2015 में रोहित शर्मा (26 बॉल पर 50 रन) को दिया जा चुका है।




हार्दिक पांड्या सिर्फ चौथे कप्तान बने जिन्होंने आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की। इससे पहले कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी, गौतम गंभीर और रोहित शर्मा ने यह कारनामा किया है। यही नहीं यह तीसरा मौका था जब एक ही टीम से पर्पल और ऑरेंज कैप होल्डर होने वाले खिलाड़ी हो। जोस बटलर और यजुवेंद्र चहल ने राजस्थान के लिए खेलते हुए यह कारनामा किया है जबकि इससे पहले साल 2017 में एसआरएच के लिए डेविड वार्नर एवं भुवनेश्वर कुमार और माइक हसी और ड्वेन ब्रावो ने साल 2013 में यह कारनामा सीएसके के लिए खेलते हुए किया था।