Fri, September 22, 2023

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Hemkund Sahib Yatra 2022: Portals of Hemkund located in the Chamoli district will open on May 22

Hemkund Sahib Yatra 2022

5000 pilgrims will now be able to visit Hemkund Sahib every day

हेमकुंड साहिब तीर्थ स्थल जाने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता है

Portals of Hemkund located in the Chamoli district will open on May 22
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उत्तराखंड स्थित चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद अब सिखों के धार्मिक स्थल श्री हेमकुंड साहिब के भी कपाट खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि हिमालय में पांचवें धाम के रूप में स्थापित श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई दिन रविवार को खोले जाएंगे। उतराखंड सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने विचार विमर्श कर फैसला लिया है। एक दिन में 5 हजार श्रदालु ही हेमकुंड साहिब में पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर मत्था टेक सकते हैं।

ortals of Hemkund located in the Chamoli district will open on May 22
Portals of Hemkund located in the Chamoli district will open on May 22

हेमकुंड साहिब में भी इस साल बड़ी संख्या में सिख श्रदालुओं की आने की संभावना है। हेमकुंड साहिब सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में है। हिमालय की गोद मेें बसा हेमकुंड साहिब सिख धर्म के आस्था का प्रतीक है। देश-विदेश से हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। चारों तरफ से पत्थरीले पहाड़ और बर्फ से ढंकी चोटियों के बीच बसा हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां का सफर बहुत ही मुश्किल है। हेमकुंड साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते से होकर जाना पड़ता है। यहां साल में छह महीने बर्फ जमी रहती है और मौसम बहुत ही सर्द बना रहता है।श्रद्धालु हेमकुंड साहिब सड़क और हवाई रास्ते से जा सकते हैं। अगर आप सड़क के रास्ते से जा रहे हैं तो आपको ऋषिकेश-बदरीनाथ मोटर मार्ग से जाना होगा। यहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को पांडुकेश्वर से दो किलोमीटर पहले गोविंद घाट में उतरना पड़ेगा। गोविंद घाट से करीब 20 किलोमीटर से ज्यादा पैदल यात्रा करनी पड़ती है। गोविंदघाट पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को झूलते हुए ब्रिज के जरिए अलखनंदा नदी पार करनी पड़ेगी। यहां से आगे पुलना गांव आएगा। इसके बाद की चढ़ाई और मुश्किल हो जाती है क्योंकि रास्ता बहुत पथरीला है। इसके बाद घांघरिया बेस कैंप आता है और यहां हेमकुंड साहिब की दूरी करीब 7 किलोमीटर है। हेमकुंड साहिब यानि सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली है। हेमकुंड साहिब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह देश के सबसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक हैं । गुरुद्वारे के पास ही एक सरोवर है। इस पवित्र जगह को अमृत सरोवर अर्थात अमृत का तालाब कहा जाता है। यह सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है। यह चारों तरफ से हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ है। इन चोटियों का रंग वायुमंडलीय स्थितियों के अनुसार अपने आप बदल जाता है।

अब तक चार धाम यात्रा के दौरान 39 लोगों की हुई मौत–

बता दें कि इस साल चार धाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं की बढ़ती जा रही भीड़ को लेकर उत्तराखंड सरकार को कई बार गाइडलाइन भी जारी करनी पड़ी है। ‌ लेकिन फिर भी व्यवस्था बनाने में सरकार, पुलिस प्रशासन और इससे जुड़े विभागों के पसीने छूट रहे हैं।श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के कारण चारों धामों में व्यवस्था चरमरा गई है और यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों के इंतजाम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत का लगातार सिलसिला जारी है। अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक शैलजा भट्ट ने सोमवार को दी है।

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