हिंदी के प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय प्रोफेसर और ज्ञानी प्रोफ़ेसर मन्नार बंकटेश का निधन

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दक्षिण भारत में हिंदी के विद्वान माने जाने वाले प्रोफेसर मन्नार वेंकटेश का शनिवार को हैदराबाद में निधन हो गया।
कौन थें प्रोफेसर वेंकटेश:
प्रोफेसर वेंकटेश अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (इफ्लू), हैदराबाद के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और उस्मानिया विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक थे।
प्रोफेसर वेंकटेश हिंदी कथा साहित्य के स्कॉलर होने के साथ ही वह भारतीय और विश्व सिनेमा के बारे में गहरी जानकारी रखते थे और इन विषयों पर उन्होंने किताबें भी लिखी हैं। उनकी दो पुस्तकें ‘भारतीय सिनेमा : विविध परिदृश्य’ तथा ‘विश्व साहित्य और हॉलीवुड’ पिछले महीने ही प्रकाशित हुईं।
हिंदी सिनेमा के साथ ही उन्होंने ‘बेन-हर’, ‘स्पार्टाकस’, ‘जूलियस सीजर’, ‘वुदरिंग हॉइट्स’, ‘अन्ना केरेनीना’, ‘वार एंड पीस’, ‘गुड अर्थ’, ‘टेस ऑफ डर्बर विले’, ‘फार फ्राम द मैडिंग क्राउड’, ‘टेल ऑफ टू सिटीज’, ‘ग्रेट एक्सपेक्टेशंस’, ‘ब्रदर्स कारमाजोव’, ‘लेडी चेटरलीज लवर’, ‘पिक्चर आफ डोरयन ग्रे’ आदि कालजयी कृतियों पर बनी हॉलीवुड की अनेक फिल्मों की समीक्षाएं लिखी हैं।