शाहीन बाग में एमसीडी का बुल्डोजर चलने को गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुकी है

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एमसीडी का बुल्डोजर एक बार फिर चर्चा में है। काफी समय से मीडिया की नजर और इंतजार आज के कारनामे पर थी। दिल्ली का शाहीन बाग का क्षेत्र पर अतिक्रमण हटाने के लिए जब बुल्डोजर पहुँचा तो चारों तरफ हंगामा हो गया इस हंगामे की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुँची जिसके बाद शाहीन बाग में अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इस पूरे मामले पर थोड़ी देर बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। लेकिन उससे पहले ही निगम से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि जब अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का मामला पहले से कोर्ट में है तो फिर बुलडोजर क्यों पहुंचा?
दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में अवैध निर्माण कर बसाई गई बस्तियों को हटाने और ध्वस्त करने के आदेश के खिलाफ दो दिन पहले भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPM) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। साउथ एमसीडी की टीम सोमवार सुबह पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने शाहीन बाग पहुंची थी। जिसके बाद लोग सड़कों पर आ गए और एमसीडी की टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों के विरोध को देखते हुए CRPF की एक कंपनी अतिरिक्त दिल्ली पुलिस के साथ लॉ एंड ऑर्डर के लिए लगाई गई थी। CRPF के भी करीब 100 जवान तैनात किए गए थे।
नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर के अलावा टीम मलबा उठाने के लिए कुछ गाड़ियां अपने साथ लेकर यहां पहुंची थी। इसके अलावा MCD के कर्मचारियों के हाथों में लाल रंग का रिबन बांधा गया था, ताकि उनकी पहचान हो सके। लेकिन लोगों में निगम और भाजपा के प्रति भारी गुस्सा के बाद शाहीन बाग से बिना कोई कार्रवाई किए बुलडोजर वापस चला गया है। वहां उसने कोई कार्रवाई नहीं की। MCD ने सिर्फ एक बिल्डिंग के आगे खड़ी लोहे की रॉड को हटवाया। ये रॉड रेनोवेशन के काम के लिए लगाई गई थी। तब तक हंगामा हो गया।
बुल्डोजर कर्रवाई के बाद शाहीन बाग पहुंचे AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि मस्जिद के सामने एक शौचालय था, जिसे मैंने अपने पैसे से हटवाया। पूरी विधानसभा में जहां-जहां अतिक्रमण है, MCD वाले मुझे बताएं, मैं खुद हटवा दूंगा। ये यहां आकर माहौल खराब कर रहे हैं, राजनीतिकरण किया जा रहा है।