
दिल्ली के तीनों निगमों के विलय को मिला राष्ट्रपति का अप्रूवल, अब नया नाम होगा ‘दिल्ली नगर निगम’

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भारत सरकार ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) कानून, 2022 को अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से दिल्ली के तीनों नगर निगम यानी पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी एक हो चुके हैं और अब इन्हें संयुक्त रूप से दिल्ली नगर निगम के नाम से जाना जायेगा।
मालूम हो कि लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाने के बाद नगर निगम विधेयक पर राष्ट्रपति ने भी हस्ताक्षर कर दिए। उनके हस्ताक्षर के साथ ही यह विधेयक कानून में बदल गया। इसी के साथ ही भारत सरकार ने इसे अधिसूचित भी कर दिया है।
वहीं अब तीनों नगर निगमों का विलय होने के बाद अस्तित्व में आने वाले दिल्ली नगर निगम में करीब 80 हजार की आबादी पर एक वार्ड होंगे। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम अधिनियम संशोधन विधेयक पारित करने के दौरान संकेत भी दिए थे।
मालूम हो कि पांच साल पहले तीनों नगर निगमों के 272 वार्ड बनाने के दौरान करीब 50 हजार की आबादी शामिल की गई थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम अधिनियम में संशोधन विधेयक में वार्डों की संख्या 272 से कम करके अधिकतम 250 की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली नगर निगम में अधिकतम 250 वार्ड बनाने की मंशा से पर्दा उठाते हुए खुलासा किया था कि वर्तमान समय में दिल्ली में करीब दो करोड़ आबादी है और उसे 250 वार्डों में बांटा जाएगा। लिहाजा एक वार्ड में 80 हजार आबादी शामिल की जाएगी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वार्डों का परिसीमन वर्ष 2021 की जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा, क्योंकि वर्ष 2011 की जनगणना के तहत वार्डों का गठन 80-80 आबादी शामिल करके नहीं हो सकता।
यहां वार्डों के कम होने नहीं कोई संभावना:
आदर्श नगर, नांगलोई जाट, मॉडल टाउन, करोल बाग, मोती नगर, हरी नगर, विकासपुरी, राजेंद्र नगर, महरौली, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी, तुगलकाबाद, बदरपुर, ओखला, गांधी नगर और मुस्तफाबाद।
इन विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या हो सकती है कम:
नरेला, बुराड़ी, तिमारपुर, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किराड़ी, सुल्तानपुर माजरा, मंगोलपुरी, शालीमार बाग, रोहिणी, शकूर बस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, पटेल नगर, मादीपुर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जनकपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला, नजफगढ़, बिजवासन, पालम, जंगपुरा, कस्तुरबा नगर, मालवीय नगर, आरकेपुरम, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, त्रिलोकपुरी, कोंडली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, शाहदरा, सीमापुरी और रोहताश नगर।
आपको बता दें कि वर्ष 2011 की जनसंख्या की रिपोर्ट के आधार बार वर्ष 2017 में तीनों नगर निगम के वार्डों का गठन किया था। उस दौरान 50 हजार आबादी पर एक वार्ड बनाया गया। आज कई वार्डों में मतदाताओं की संख्या करीब 20 फीसदी बढ़ चुकी है। इस कारण 80 हजार आबादी पर एक वार्ड का गठन करने के लिए वर्ष 2021 की जनगणना की रिपोर्ट आने का इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल मतदाताओं की संख्या के तहत वार्डों का परिसीमन करने का प्रावधान नहीं है।
उधर 80 हजार आबादी पर एक वार्ड का गठन करने की दिशा में 48 विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या कम होने का अनुमान है। दिल्ली की वर्तमान जनसंख्या की अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार 48 विधानसभा क्षेत्रों में एक से लेकर दो वार्ड कम हो जाएंगे, जबकि एक भी विधानसभा क्षेत्र में वार्डों की संख्या में इजाफा नहीं होगा। इसके अलावा 20 विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होने की संभावना है।