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Deoghar Ropeway Accident : देवघर रोपवे में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना-एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा

Deoghar Ropeway Accident
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रविवार शाम को झारखंड के देवघर त्रिकुट पहाड़ पर रोप-वे हादसा हो गया। रामनवमी पर छुट्टी का दिन होने की वजह से काफी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे। रविवार की शाम त्रिकुट रोप-वे जैसे स्टेशन से चालू हुआ, तो पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रॉलर अचानक टूट गया। इस कारण सबसे पहले ऊपर का एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गई, जिसमें पांच लोग सवार थे। स्थानीय लोग और रोप-वे कर्मी ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांचों को बाहर निकाला। हादसे के दौरान रोप-वे की बाकी 23 ट्रॉली सात फीट नीचे अचानक लटक गई। इसमें सबसे नीचे की दो ट्रॉली पत्थर टकरा गई। हादसे में अभी तक 2 महिलाओं की मौत हो चुकी है। वहीं कई लोग घायल हैं। आज सुबह से ही सेना एनडीआरएफ टीमें राहत बचाव के लिए अभियान में जुट गए हैं। अभी कई लोग फंसे हुए हैं। ये सभी मालदा, भागलपुर और देवघर के अधिकांश लोग ऊपर फंसे हुए हैं। बचाने के लिए दो हेलीकॉप्टर से मदद ली जा रही है। त्रिकुट पर्वत दुमका रोड पर देवघर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तीन शिखरों का पर्वत होने के कारण इस पहाड़ को त्रिकुट पहाड़ के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ की तीनों चोटियों में सबसे ऊंची चोटी 2470 फीट की है। त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है। जिसका अधिकतम लेंस कोण 44 डिग्री है। रोप-वे की लंबाई 766 मीटर (2512 फीट) है। झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है । जहां रोप-वे का इस्तेमाल किया जाता है। रोपवे में पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं। रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 मिनट समय लगता है। रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे का है।

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