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कोरोना महामारी के बाद दिव्यांगों की समस्याएं बढ़ गई हैं, उनका उपचार भी प्रभावित हुआ। कोरोना के घटने के बाद स्थिति सामान्य हो रही है और धीरे-धीरे स्थिति भी बेहतर हो रही है। यह कहना है सफदरजंग अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधिक्षक व फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग के प्रमुख डॉ. (प्रो) आर के वाधवा का। 25 मार्च से शुरू हो रहे इंद्रप्रस्थ एसोसिएशन ऑफ रिहैबिलिटेशन मेडिसिन (आईपीएआरएम) इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (आईएपीएमआर) का 50 वां वार्षिक सम्मेलन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सम्मेलन का विषय पोस्ट कोविड वर्ल्ड : स्ट्रेंथनिंग हेल्थकेयर रिहैबिलिटेशन 2030 है। विभाग रीढ़ की हड्डी की चोट, दिमाग की चोट, स्ट्रोक, मस्कुलोस्केलेटल चोटों और अन्य दुर्बल स्थितियों सहित शारीरिक अक्षमता या विकलांग लोगों की कार्यात्मक क्षमता को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस सम्मेलन में कई विषयों पर चर्चा होगी, जिसका फायदा दिव्यांगों के उपचार में होगा। कोविड के बाद इनका उपचार काफी प्रभावित हुआ है।
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पीएमआर एम्स दिल्ली के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय वाधवा ने कहा कि कोविड के दौरान अस्पताल बंद नहीं हुए, हालांकि दिव्यांग अस्पताल नहीं आ पाए। इनका उपचार प्रभावित हुआ है। कोरोना के बाद यह देखा जा रहा है कि कोविड के बाद इनमें कितनी समस्याएं बढ़ी हैं। यह समस्याएं किस स्तर की है। हमारी कोशिश जल्द से जल्द सभी समस्याओं को खत्म कर फिर से नया वातावरण तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के कारण कोरोना की अन्य लहर की संभावनाएं कम दिख रही हैं।