कीव में फंसे हजारों भारतीयों को मिली राहत, उड्डयन मंत्रालय ने भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों पर लागू प्रतिबंध हटाया

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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए आज यानी 17 फरवरी से एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दी है। जिसके बाद अब बिना किसी प्रतिबंध के भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित की जा सकती हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में यह कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।
बता दें कि मंत्रालय ने यह निर्णय संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों और पेशेवरों को आसानी से निकालने के लिए लिया है। जिसके बाद मंत्रालय ने भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारतीय एयरलाइंस को उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है, क्योंकि रूस के यूक्रेन की ओर बढ़ने के साथ मांग में वृद्धि हुई है। भारत ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है।
दोनों देशों में है एयर बबल समझौता:


गौरतलब है कि भारत और यूक्रेन के बीच एक एयर बबल समझौता है, जिसके तहत दोनों देश प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित कर सकते हैं। महामारी की वजह से जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा निलंबित कर दी गई थी, तब इस समझौते की आवश्यकता पड़ी थी। लेकिन अब जबकि हजारों भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, मंत्रालय ने पहले लगाई गई सीमा को हटाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि एयरलाइंस कितनी भी उड़ानें संचालित कर सकती हैं। भारत और यूक्रेन के बीच चार्टर्ड उड़ानें भी संचालित की जा सकती हैं।
Embassy of India in Kyiv continues to monitor the situation on a regular basis. Some FAQs for Indian citizens are placed below, and all citizens are advised to go through the same. @MEAIndia @DrSJaishankar @PIB_India @DDNewslive @DDNewsHindi @IndiainUkraine @IndianDiplomacy pic.twitter.com/mAJXu3f2Ux
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 16, 2022
मालूम हो कि एयर इंडिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से घोषणा और प्रतिबंधों को हटाने के बाद यूक्रेन के लिए उड़ानों को शुरू करने की घोषणा कर दी है। मौजूदा समय में रूस और यूक्रेन के बीच गहराती युद्ध की आशंकाओं के चलते वहां पढ़ रहे करीब 20 हजार भारतीय छात्र कीव में फंसे हुए हैं। ये छात्र लगातार केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।