हिजाब मामले में कर्नाटक सरकार ने 16 फरवरी तक सभी कॉलेजों को बंद करने के लिए आदेश,14 फरवरी से खुलेंगे राज्य के स्कूल

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कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले से जुड़ी स्थिति को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने राज्य में सभी उच्च विद्यालयों को 16 फरवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत आने वाले कॉलेज भी बुधवार तक बंद रहेंगे।
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है। कक्षा एक से 10 तक के स्कूल सोमवार यानी 14 फरवरी से खुलेंगे। लेकिन कॉलेजों को अभी भी बंद रखे जायेंगे।
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब मामले को लेकर अंतरिम आदेश दिया था। इसके तहत स्कूलों को तत्काल खोलने के साथ और धार्मिक कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वहीं स्कूल खोले जाने के आदेश के बाद सीएम बसवराज बोम्मई ने सभी जिलों के जिला अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों व अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर बैठक की। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को जमीनी स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
अगले आदेश तक धार्मिक कपड़े पहनने पर होगी रोक:
हिजाब विवाद मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही है। यह सुनवाई कुछ छात्राओं की ओर से दायर की गई याचिका के बाद हो रही है। इस याचिका को एकल पीठ ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच को भेज दिया, जिस पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई थी। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने स्कूल-कॉलेज खोलने का अंतरिम आदेश जारी किया था। साथ ही, आखिरी फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी।
क्या है विवाद के कारण:
मालूम हो कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।