Vasant Panchami 2022: किस तरह करें मां सरस्वती की पूजा

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वसंत पंचमी ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना का पावन दिन है।
हर वर्ष माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बसंत पंचमी के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष आज यानी 5 फरवरी 2022 को बसंत पंचमी पर्व देश में सर्वत्र मनाया जायेगा। बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित किया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मां वाग्देवी अर्थात माता सरस्वती की आराधना से बुद्धि की निर्मलता एवं विद्या की प्राप्ति होती है। मां सरस्वती विद्यार्थियों के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण देवी हैं जिनके आशीर्वाद से लोग पारंगत होते हैं। इस दिन सरस्वती सिद्ध करके मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए। कण्ठ में सरस्वती को स्थापित किया जाता है। स्वर, संगीत, ललित कलाओं, गायन वादन,लेखन का यदि इस दिन आरंभ किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त :
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त पांच फरवरी की सुबह 6 बजकर 43 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक है। इस दौरान पूजन के लिए शुभ समय 5 फरवरी को सुबह 6.43 से 12.35 तक रहेगा।
कौन सा करें पाठ या मंत्र ?
यह मंत्र कमजोर विद्यार्थी या उनके अभिभावक भी मां सरस्वती के चित्र को सम्मुख रख के 5 या 11 माला कर सकते हैं।

- ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः
- वाक सिद्धि हेतु इस मंत्र जाप करें-
ओम हृीं ऐं हृीं ओम सरस्वत्यै नमः - आत्म ज्ञान प्राप्ति के लिए:
ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्!! - रोजगार प्राप्ति व प्रोमोशन के लिए:
ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा - परीक्षा में सफलता के लिए:
ओम् एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:!
सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रों विनायकः !!