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National Voters Day: नेशनल वोटर्स डे: प्रत्याशियों और सरकारों के चयन में मजबूत लोकतंत्र का स्तंभ हैं वोटर्स

National Voters Day 2022
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लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं है। खास तौर पर जो युवा इस बार पहली बार वोट देने जा रहे हैं उनके लिए यह नया अनुभव भी होने जा रहा है। क्योंकि यह युवा वर्ग पहली बार अपने मनपसंद प्रत्याशियों और सरकार का चयन करने जा रहे हैं। इसके साथ वे लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी भागीदार हो जाएंगे। इसी को लेकर आज देश के युवाओं में जोश छाया हुआ है। आइए बात को आगे बढ़ाते हैं। आज 25 जनवरी है। हर साल इसी दिन पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस (नेशनल वोटर्स डे) मनाया जाता है। ‌ इस बार यह दिवस इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आज चुनाव आयोग वोटर्स में जागरूकता जगाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। सही मायने में यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव भी है। ‌भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। सुबह से ही सोशल मीडिया पर नेशनल वोटर्स डे को लेकर युवाओं में जोश देखा जा रहा है। हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम रखी जाती है। इस बार की थीम है। ‘मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता’ । इस थीम का अर्थ यदि हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को सफल बनाना है तो हमें चुनावी साक्षरता की जरूरत है ज्यादा से ज्यादा लोगों का वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाएं और उन्हे वोट की कीमत बताकर वोट डालने के लिए राजी करें। आपका एक वोट आपके लिए सरकार चुन सकता है यह जज्बा जिस दिन लोगों के मन में आ जाएगा तब देश का लोकतंत्र आगे बढ़ेगा। आइए जानते हैं यह दिवस कब से क्यों मनाया जाता है ।

देश में 25 जनवरी 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत–

National voters day 2022

बता दें कि देश में 25 जनवरी 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया। इसका आरंभ 1950 में चुनाव आयोग के 61वें स्‍थापना दिवस पर हुआ। विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा था। इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में हर साल उन सभी मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र 18 साल हो चुकी होगी। भारत में वोटिंग के लिए 18 साल होने पर युवाओं को मताधिकार प्राप्‍त हो जाता है। इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत का मकसद ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का सूची में नाम जोड़ना, मतदान के लिए प्रेरित करना है। भारतीय संविधान के मुताबिक जनता ही इस अनूठे लोकतंत्र की बुनियाद है, जहां जनता सरकार को चुनती है। इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिससे देश की राजनैतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

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