
भारत और चीन से सटे हिमाचल प्रदेश का बॉर्डर ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग अब जल्द ही देश का तीसरा सबसे अधिक ऊंचाई पर बनने वाला डबल लेन मार्ग बनने वाला होगा। यह लेन भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होने वाला होगा।
इससे पहले लद्दाख में 17673 फीट की ऊंचाई पर नोबरा और 17582 फीट की ऊंचाई पर मनाली-लेह सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है। यह सड़क 10600 फीट की ऊंचाई पर समदो से शुरू होकर 14931 फीट ऊंचे कुंजम दर्रा से होते हुए 10700 फीट ऊंचे ग्रांफू में मिलेगी। भारत चीन बॉर्डर से सटे देश के सैन्य ठिकानों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार 202 किलोमीटर लंबे ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग को डबललेन करने जा रही है। इसकी कुल चौड़ाई करीब 60 फीट होगी।
साल 2022 में लोसर से बातल के बीच सड़क चौड़ा करने का काम शुरू हो जाएगा।
बता दें की चीन बॉर्डर से सटे समदो और कौमिक में भारतीय सेना और आईटीबीपी के बेस कैंप मौजूद हैं। वर्तमान में ग्रांफू से लोसर के बीच 65 किलोमीटर के दायरे में सड़क की हालत बेहद खराब है। इस बीच वाहनों की अधिकतम गति महज 15 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है। यही वजह है कि ग्रांफू से काजा तक केवल 120 किलोमीटर की दूरी तय करने में 8 से 10 घंटे का वक्त लग जाता है। लेकिन अब इस डबललेन के बन जाने से यह दूरी महज तीन घंटे में पूरी होगी।
ग्रांफू-काजा-समदो सड़क के चकाचक होने के बाद मनाली के पास स्थित सेना के ट्रांजिट कैंप से समदो पहुंचने में सैन्य वाहनों को चंद घंटों का वक्त लगेगा।