पीएम मोदी आज ब्रिक्स सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता, आतंकवाद और बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार को लेकर होगी अहम चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पांच देशों के समूह ब्रिक्स (BRICS) के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
यह आयोजन कोरोना की वजह से इस वर्ष डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाली है। इस बैठक में अफगानिस्तान के ताजा हालात पर व्यापक रूप से चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय कई ओर से जारी किए गए सूचना के अनुसार, आज की बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भी शामिल होंगे।
बता दें की यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले 2016 में उन्होंने गोवा में सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस साल ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ है। इस बार शिखर सम्मेलन का विषय है: ‘ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है की , ‘2021 में ब्रिक्स की भारत की अध्यक्षता के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ सितंबर को डिजिटल प्रारूप में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।’
भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है। इनमें बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, एसडीजी प्राप्त करने के लिए डिजिटल और तकनीकी औजारों का उपयोग और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना शामिल हैं। इन मुद्दों के अलावा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी के प्रभाव और अन्य मौजूदा वैश्विक वह क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकार (एनएसए) अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स वुमन बिजनस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष संगीता रेड्डी अलग-अलग रिपोर्ट पेश करेंगी।
क्या है ब्रिक्स:
ब्रिक्स में विश्व के पांच सबसे बड़े विकासशील देश जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है।
ब्रिक्स में पहले केवल ब्राजील, रूस, भारत और चीन इसमें शामिल थे, लेकिन 2010 में इसमें दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया गया। भारत, रूस और चीन जैसे देशों की मौजूदगी के कारण ये दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक है।