
आज जंतर मंतर पर किसान संसद का महिलाएं करेंगी संचालन, पंजाब और अन्य राज्यों से 200 महिलाएं होंगी शामिल

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 8 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन करते हुए लगभग हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं। किसानों के आंदोलन में लगातार महिलाएं भी बराबर की साझेदार रहे हैं वहीं पिछले कुछ दिनों से किसानों के जंतर-मंतर पर संसद सभा लगाने के बाद आज महिलाएं भी जंतर मंतर पर किसान संसद का संचालन करेंगी। महिलाएं इस दौरान मौजूदा भारतीय कृषि व्यवस्था और आंदोलन में उनकी भूमिका के साथ कृषि कानूनों के तमाम पहलुओं पर अपनी राय रखेंगी।
किसान संसद में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से महिला किसान मोर्चे पर पहुंच रहीं हैं। किसान संसद के तीन सत्र के दौरान महिलाएं कृषि कानून, खासकर मंडी एक्ट पर अपने विचार रखेंगी। इससे उन्हें सभी पहलुओं पर चर्चा होगी ताकि किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभा सकें।
किसान संसद के तीन सत्रों की अध्यक्षता की जिम्मेवारी तीन महिला प्रतिनिधियों को सौंपी जाएगी। इसी तर्ज पर तीन उपाध्यक्ष भी किसान संसद की कार्रवाई में सहभागी बनेंगी।
बता दें की महिला किसान संसद में 200 किसान प्रतिनिधि शामिल होंगी। इनमें पंजाब की 100 जबकि अन्य राज्यों की 100 महिला प्रतिनिधि शामिल रहेंगी। इस तीन सत्रों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी महिलाएं ही होंगी। इस दौरान किसान संसद आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 और किसानों और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की जाएगी। 27 जुलाई को इसी विषय पर किसान प्रतिनिधियों की तरफ से निर्णय/संकल्प पारित किया जाएगा। इसके बाद दो दिनों तक किसान संसद में केंद्र सरकार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट पर बहस होगी।