600 किलोमीटर प्रति घंटे दौड़ने वाली चीन ने हाई स्पीड ट्रेन को ट्रैक पर उतारा

हमारे देश में अभी बुलेट ट्रेन पर बैठने के लिए लोगों को कुछ वर्षों का और इंतजार करना पड़ेगा। गुजरात के अहमदाबाद से मुंबई के बीच बनाए जा रहे हाई स्पीड ट्रैक पर काम चल रहा है । भारत में बुलेट ट्रेन जापान के सहयोग से बनाई जा रही है। यात्रियों को साल 2024 तक बुलेट ट्रेन की सवारी करने के लिए इंतजार करना होगा। लेकिन चीन ने एक और हाई स्पीड की दस्तक दे दी है। बता दें कि बुलेट ट्रेन बनाने में चीन और जापान दुनिया के देशों में अग्रणी माने जाते हैं। चीन ने ‘मैगलेव’ ट्रेन की मंगलवार को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया । इस हाई स्पीड ट्रेन का चाइना सरकार ने 600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार होने का दावा किया है।
यहां हम आपको बता दें कि यह ट्रेन विद्युत चुंबकीय बल की मदद से ट्रैक के ऊपर तैरती हुई नजर आती है। इसकी बॉडी का रेल से संपर्क नहीं होता। इस ट्रेन को ‘फ्लोटिंग ट्रेन’ भी कहा जा रहा है। यह हाई स्पीड ट्रेन चीन की राजधानी बीजिंग से संघाई तक चलाई जाएगी। इस ट्रेन की गति 600 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसे शंघाई से बीजिंग जाने में ढाई घंटे का समय लगेगा। बता दें कि शंघाई से बीजिंग की दूरी 1000 किलोमीटर से ज्यादा है। इसे हिसाब से अनुमान लगा सकते हैं। यदि किसी हवाई जहाज को कहीं जाने के लिए तीन घंटे का समय लगता है तो इसी दूरी को तय करने में हाई स्पीड ट्रेन को साढ़े 5 घंटे लगेंगे। चीन की सरकार अपने यहां हाई स्पीड ट्रेन चलाने को लेकर पिछले दो दशकों से प्राथमिकता देती रही है। चीन में देश की सबसे तेज स्पीड की ट्रेन मैगलेव 2003 में चलनी शुरू हो गई थी। इसकी अधिकतम स्पीड 431 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह शंघाई पुडोन्ग एयरपोर्ट को शंघाई के पूर्वी सिरे पर लॉन्गयाग रोड से जोड़ती हैै। जापान और जर्मनी भी मैगलेव ट्रेन को अपने यहां चलाने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल भारत में इस प्रकार की हाई स्पीड ट्रेन अभी सपना ही है।