मोदी कैबिनेट के विस्तार पर अहम बैठक आज

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को लेकर मंत्रिमंडल का विस्तार कल बुधवार को हो सकता है। इस विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी एनडीए के चार सहयोगी दलों जदयू, लोजपा, अन्नाद्रमुक और अपना दल को सरकार में प्रतिनिधित्व देंगे। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस को भी सरकार में शामिल किए जाने की भी चर्चा है। इस मुद्दे को लेकर आज अहम बैठक होगी।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज मंत्रिमंडल विस्तार के संदर्भ में कई अहम बैठकें करेेंगे। इस दौरान असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को दिल्ली पहुंचने का संदेश दिया गया है। साथ हीं ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव को फिलहाल दिल्ली में ही रहने के लिए कहा गया है।
बता दें की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शिवसेना और अकाली दल के एनडीए से नाता तोड़ने और रामविलास पासवान के निधन के बाद सरकार में सहयोगियों की भूमिका प्रतीकात्मक रह गई है। वर्तमान में महज आरपीआई (राम दास अठावले) की ही सरकार में भागीदारी है। आरपीआई का लोकसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके अध्यक्ष रामदास अठावले बतौर राज्यसभा सदस्य सरकार में बतौर राज्य मंत्री शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार विस्तार में एनडीए में शामिल चार सहयोगी दलों को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलना तय है। जदयू को दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का प्रस्ताव दिया गया है। फिलहाल इस मामले में बातचीत जारी है। लोजपा से पशुपति पारस के मंत्री बनने की संभावना है। अन्नाद्रमुक को भी सरकार में शामिल करने पर बातचीत हो रही है। अपना दल से अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनाया जाना तय है। जबकि वाईएसआर कांग्रेस से भी बातचीत चल रही है।
वहीं सूत्रों के अनुसार, मंत्री मंडल के विस्तार और बदलाव में कम से कम नौ मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी होने की संभावना है। इनमें दो कैबिनेट और सात राज्य मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा सात मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी हो सकता है। अभी नौ मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है। इन मंत्रियों के काम के बोझ को कम किया जाएगा।
बता दें की वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में 57 सदस्य हैं। संविधान के नियमों के तहत मंत्रिमंडल में 81 मंत्री हो सकते हैं।
वहीं अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हैं। विस्तार के जरिए इन राज्यों में भी मोदी सरकार की नजर बनी हुई है। इस लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड परिषद की नस्ल बनी हुई है। वहीं राजनैतिक समीकरण को देखते हुए उत्तराखंड से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत या तीरथ सिंह रावत को भी मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा जोरों पर है।