राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को कोरोना की तीसरी और चौथी लहरों से निपटने के लिए दिए चार सुझाव, कहा गलती को करें सुधार

देश में कोरोना की दो भयंकर लहरों ने महामारी का भयावह मंजर दिखाया है। इस दौरान देश में लाखों लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है की कोरोना की तीसरी और चौथी लहर के आने की भी संभावना है। ऐसे में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कोरोना की आने वाली लहर के मद्दे नजर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है, ऐसे में सरकार को अभी से ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से श्वेत पत्र जारी करते हुए सरकार से गलती सुधारने की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा कि श्वेत पत्र जारी करने का मकसद सरकार को रास्ता दिखाने है।
मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वैज्ञानिकों ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए सरकार को चेताया था, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया और दूसरी लहर संभालने में सरकार विफल रही है। दूसरी लहर में जिनको बचाया जा सकता था, लेकिन बचाया नहीं गया। दूसरी लहर से 90 फीसदी मौतें सुविधाओं के अभाव में हुईं हैं। सरकार की लापरवाही से लाखों की जान गईं, करोड़ों लोग कोरोना से प्रभावित हुए। क्योंकि अस्पतालों में बेड्स की कमी, ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी।अब तीसरी लहर, चौथी लहर आने की संभावना है। पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने जा रही है, ऐसे में सरकार को पहले से इसकी तैयारी करनी चाहिए।
तीसरे और चौथे लहर से बचने के लिए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को चार सुझाव दिए हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि वाइट पेपर का लक्ष्य एक प्रकार से रास्ता दिखाने का है। हमने चार मेन प्वाइंट्स निकाले हैं। पहला प्वाइंट – कोरोना से लड़ने में हमसे क्या गलतियां हुई। इसे समझने के लिए एक कमीशन गठित किया जाए जो गलतियों को चिन्हित करे और आगे का रास्ता बताए ताकि वे गलतियां दोबारा न हों।
दूसरा पॉइंट – मैंने बोला, जो तीसरी वेव आने वाली है, उसकी तैयारी- ऑक्सीजन, अस्पताल बेड, क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, दवाइयां, इन चीजों का आज प्रिपरेशन, कि जब थर्ड वेव आए, हिंदुस्तान के हर शहर में अस्पताल, गांव में जो सपोर्ट की जरुरत है, वो सब तैयार मिले। जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरुरत हो, उनको आसानी से ऑक्सीजन मिल जाए और बिना कोई कारण डेथ ना हो। जो नीडलैस डेथ हैं, जो एक प्रकार से लाखों लोग नीडलैसली मरे हैं सेंकड वेव में, वो फिर से ना हो।
तीसरा प्वाइंट – कोविड सिर्फ बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है, कोविड इकनॉमिक-सोशल बीमारी भी है और इसलिए हमने सरकार को सबसे गरीब लोगों को, छोटे बिजनेस को, मिडिल साइज बिजनेस को आर्थिक सहायता देने की जरुरत है। हमने एक न्याय का कांसेप्ट दिया है। अगर नाम प्रधानमंत्री जी को अच्छा ना लगे, उसका नाम बदल दें। But basic concept कि गरीबों की जेब में, गरीबों के घर में हम डायरेक्ट फंड पहुंचाएं। और चौथा जो हमारा पिलर है कि एक कोविड कंपनसेशन फंड (Compensation fund) बनाया जाए। जिन परिवारों के घर में जो ब्रेड अर्नर हैं, उनकी मृत्यु हुई है। उनको कंपनसेशन दिया जाए, उनको डायरेक्ट कोविड फंड से उनको सहायता दी जाए। तो ये हमारे चार प्वाइंट हैं।