
देश में गंगा दशहरा की धूम, आज ही के दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं थी

आज पूरे देश भर में गंगा दशहरा धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है । कोरोना महामारी की वजह से लगाई गई पाबंदियों से भले ही आज गंगा के घाटों पर भक्तों की अधिक भीड़ नहीं है लेकिन उल्लास उमंग छाया हुआ है। प्रयागराज के संगम, बनारस में श्रद्धालु सुबह से ही स्नान कर मां गंगा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं । कोविड-19 की वजह से हरिद्वार में तीरथ सरकार ने हर की पैड़ी में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं के लिए रोक लगा दी है। बता दें कि ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमीं को गंगा दशहरा मनाया जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पापों का नाश करने वाली मां गंगा का इस दिन अवतरण हुआ था। इस दिन विशेष रूप से लोग पापों का नाश करने गंगा स्नान करने जाते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ-साथ गंगा दशहरा के दिन दान- पुण्य आदि करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है इस दिन पुण्य प्राप्त करने के लिए इस दिन दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार मां गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भागीरथ ने अथक प्रयास किए थे। राजा भागीरथ के प्रयासों से ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। मां गंगा जब पृथ्वी पर उतरीं तो उनकी गति बहुत तेज थी। तब शिवजी ने उन्हें अपनी जटाओं में गंगा जी को कस लिया। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव जी की जटाओं में कसने से गंगा परेशान होने लगीं. अहंकार के लिए गंगा ने भगवान शिव से क्षमा मांगी, शिव जी गंगा को मुक्त कर दिया। इसके बाद मां गंगा पृथ्वी पर सात धाराओं में प्रभाहित हुईं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान करने से भी पुण्य और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।