
पिछले साल जैसा ही एक बार फिर शुरू हुआ पलायन, अपने गृह राज्य लौटने लगे प्रवासी

अब एक बार फिर सब कुछ वैसा ही शुरू हो गया है, जो देशवासियों ने पिछले साल 2020 में देखा था, वही हालात बनने लगे हैं । यानी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद शुरू हो चुकी है । कोरोना महामारी ने देशवासियों के होश उड़ा दिए हैं । देश में फिर पलायन शुरू हो गया है । यानी प्रवासी कामगार अपने गृह राज्य की ओर लौटने लगे हैं । जो खबरें आ रही हैं वह इशारा कर रही हैं कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं । रोजी-रोटी की तलाश में गए मजदूर अपने-अपने सामान बांध कर घरों की ओर निकल पड़े हैं । पहले जैसे ही इन कामगारों की आंखों में दहशत और चेहरों पर उदासी छाई हुई है । इसका सबसे बड़ा कारण यह है आज कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच फिर से लॉकडाउन के संकेत मिल रहे हैं। राजधानी दिल्ली में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है। महाराष्ट्र में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि दिन में काम से बाहर निकलने वाले लोगों के लिए कड़े प्रतिबंध और नियम निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा गुजरात, पंजाब मध्य पदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है । लेकिन सबसे भयावह हालात महाराष्ट्र में बने हुए हैं । इस राज्य में पूरी संभावना जताई जा रही है कि महाराष्ट्र सरकार लॉकडाउन लगा सकती है। जिससे प्रवासियों में डर का माहौल बना हुआ है ।मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ बढ़ने लगी है। ट्रेन की टिकट के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। मुंबई में काम करने वाले हजारों प्रवासियों को किसी भी समय अपने गृह राज्य लौटने की आशंका के बीच फिर से अपने बैग पैक करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सैकड़ों लोग तो ट्रेन पकड़कर वापस लौट रहे हैं। पिछले साल लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र से हजारों प्रवासी मजदूरों को पलायन करना पड़ा था। मुंबई, दिल्ली के अलावा गुजरात, पंजाब समेत कुछ और राज्यों से कामगारों ने अपने बच्चों और सामान के साथ एक बार फिर अपने होम टाउन की राह पकड़ ली है । इनमें यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और झारखंड के मजदूर भी शामिल हैं। लोग नहीं चाहते कि अगर देश में एक बार फिर लॉकडाउन लगे तो उन्हें फिर से उन यातनाओं से गुजरना पड़े जिससे वह पिछले साल गुजरे थे।