
कृषि कानून के खिलाफ एक बार फिर किसान ने फांसी लगा कर दी जान, सुसाइड नोट में सरकार को दिया दोषी

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार प्रदर्शन जारी हैं और साथ ही जारी है किसानों की आत्महत्या भी।
अब तक कई किसानों ने इस कानून के खिलाफ अपनी जान दे दी हैं। आज एक बार फिर से हरियाणा के बहादुरगढ़ में तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से नाराज एक किसान ने फांसी लगा ली है। किसान ने सेक्टर-9 बाईपास के पार्क में पेड़ से फांसी लगाई है। किसान की पहचान जींद के सिंघवाल गांव के कर्मबीर के तौर पर हुई। मृतक कर्मबीर के पास से एक सुसाइड नोट मिला है।
उस सुसाइड नोट पर लिखा है कि सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। पता नहीं कब ये काले कानून रदद् होंगे। जब तक काले कानून रदद् नही होंगे तब तक यहां से नहीं जाएंगे। उधर, पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है। परिजनों के आने के बाद उनके बयान दर्ज होंगे।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली-टीकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत की खबर आई है। मृतकों में एक किसान पंजाब के संगरूर और दूसरा मोगा जिले का रहने वाला था। हालांकि अभी मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि हार्ट अटैक से दोनों की जान गई है। मृतकों में एक की आयु 60 और दूसरे की 70 साल थी।