फिल्म काग़ज में पंकज त्रिपाठी के बेहतरीन अभिनय ने एक बार फिर से बनाया लोग को दीवाना

Movie Review: (Kaagaz) कागज
कलाकार: पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi), एम मोनल गुज्जर (Monal Gajjar), मीता वशिष्ठ (Mita Vashishth), नेहा चौहान (Neha Chauhan), संदीपा धर, ब्रिजेंद्र काला (Amar Udhayay) और सतीश कौशिक (Satish Kaushik)
Directed by: Satish Kaushik
ओटीटी प्लेटफॉर्म : ZEE 5
लंबे समय के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE 5 पर एक सच्ची कहानी देखने को मिली है, जो एक्शन, थ्रीलर और रोमांस अलग हटकर एक आम आदमी की कहानी है।
सतीश कौशिक (Satish Kaushik) के निर्देशन में बनी फिल्म Kaagaz “कागज” आज कल की कहानियों से अलग हटकर एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस कहानी में रोमांच के साथ साथ हँसी मजाक में ही सिस्टम में होने वाले झोल झाल यानी सिस्टम की लापरवाही को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी को प्रोजेक्ट सलमान खान और सतीश कौशिक (Satish Kaushik) ने किया है। इस फिल्म में एक ऐसे आम आदमी की कहानी है जो सरकारी पेपर पर मृतक घोषित कर दिया जाता है, लेकिन वह जिंदा होता है।

क्या है कहानी:
कहानी है एक मध्यम वर्गीय आम आदमी भरत लाल (Pankaj Tripathi) की है, जो बैंक से अपने दुकान के लिए लोन लेने के लिए अपनी जमीन के कागजात लेने गाँव जाता है और उसे वहाँ पता चलता है की उसके चाचा-चाची भरत लाल (Pankaj Tripathi) के जिंदा होते हुए भी मरा घोषित कर उसकी जमीन हड़प जाते हैं।
जिसके बाद भरत लाल (Pankaj Tripathi) कागज पर जिंदा होने के लिए लेखपाल से लेकर कोर्ट-कचहरी तक चक्कर लगाता है, लेकिन कोई बात नही बनती है। फिर वह तरह-तरह की तरकीब लगाकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाता है लेकिन वह हर बार सरकारी सिस्टम से सही होते हुए भी हार जाता है। उसके इन सब के बीच उसकी पत्नी (Monal Gajjar) भी उसका घर छोड़ अपने मायके चली जाती है,लेकिन भरत लाल हार नही मानता है। इस जंग के दौरान उसका साथ प्रेस रिपोर्टर सोनिया (Neha Chauhan), विधायक अशरफी (Mita Vashisht) देवी और उसके जैसे पीड़ित तमाम लोग मृतक संघ बनाकर उसका साथ देते हैं।

भरत लाल (Pankaj Tripathi) कागज यानी प्रमाण-पत्र हासिल करने की कोशिश उसे मुख्यमंत्री तक लेकर जाती है जहाँ उसे न्याय मिलता है। इस बीच भरत लाल के प्रयास से सिस्टम की पोल परत-दर-परत खुलती है। फिल्म में पूरी कहानी अपनेफिल्म में सभी किरेदारों ने काफी बेहतरीन अभिनय किया है खाश कर पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) के किरेदार भरत लाल की अभिनय ने फिल्म को जीवंत कर दिया है। शूटिंग की बात करें तो फिल्म की कहानी का सभी लोकेशन चाहे वो खेत हो या स्कूल ,सरकारी दफ्तर हो या अदालत, हर लोकेशन ने कहानी को पूरी तरह से जीवंत बनाया है। तो कुल मिलाकर फिल्म पूरी तरह से इंटरटेनिंग है जिसे देखने वाले दर्शक बोर नही होंगे।