

एक बार फिर से देश और दुनिया में वही कहानी शुरू हो रही है जो कि कोरोना महामारी की शुरुआत में देखी जा रही थी । लगभग एक साल पहले कोविड-19 ने दुनिया भर में दहशत मचानी शुरू की थी । उस समय केंद्र और राज्य सरकारों ने देश में कई गाइडलाइंस के साथ टेस्टिंग, सख्ती, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क समेत कई नियम बनाए थे । यह सभी नियम अभी जारी हैं । दूसरी ओर कोरोना की दहशत अभी कम नहीं हुई है, हालांकि पिछले कुछ समय से जनजीवन सामान्य होने लगा था । जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौट रही थी । पूरा विश्व नए वर्ष के जश्न में सराबोर होनेे के तैयार हो रहा था । भारत में वैक्सीन लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है । अभी कुछ दिनों पहले तक केंद्र और राज्य सरकारों में इस महामारी के खत्म होने की उम्मीद जाग गई थी । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन देशवासियों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जोर शोर से प्रचार करने में जुटे हुए थे । लोगों में भी इस वैक्सीन को लेकर एक आशा की किरण बंधती जा रही थी । लेकिन अब एक बार फिर से हालात चिंताजनक हो चले हैं, क्योंकि अब यह महामारी अपने नए रूप में फिर दुनिया भर में दहशत फैला रही है । अभी वैज्ञानिक तमाम और एक्सपर्ट कुछ भी कहने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं । जी हां, हम बात कर रहे हैं कोरोना के नए रूप की । ‘स्ट्रेन नाम का यह खतरनाक वायरस अब दुनिया को स्ट्रेस दे रहा है । यह स्ट्रेन अब ब्रिटेन से आगे बढ़ता हुआ भारत में प्रवेश कर चुका है। ‘बुधवार को देश में इंग्लैंड से लौटे करीब 20 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं’। वैक्सीन की उम्मीद लगाए भारत में नए स्ट्रेन की एंट्री के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं । भारत सरकार पिछले एक महीने में ब्रिटेन से आए सभी लोगों को ढूंढने में जुट गई है । एक्सर्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मौजूदा वायरस से 70 फीसदी अधिक विनाशकारी है, ये तेजी से फैल रहा है और इसका असर भी ज्यादा है। ऐसे में सवाल ये है कि इस नए वायरस का इलाज क्या है ? और उसका तरीका क्या है ? कोई भी अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं आ पा रहा है । आपको बता दें कि कोरोना वायरस के इस नए ब्रिटिश स्ट्रेन से संक्रमित होने के मामले भारत डेनमार्क, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन तथा कई और देशों में फैल रहे हैं ।
इस विनाशकारी वायरस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों की उड़ा दी नींद—
इस विनाशकारी वायरस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों की नींद उड़ा कर रख दी है ।
एक बार फिर वैसा ही माहौल और हालात बनते जा रहे हैं जैसे मार्च और अप्रैल में देखने को मिले थे । केंद्र द्वारा गाइडलाइंस जारी कर सभी राज्यों से नया स्ट्रेन के कारण सख्ती बढ़ाने को कहा गया है. ऐसे में अगर कहीं नया केस मिलता है तो फिर से कंटेनमेंट जोन में इलाके को बदला जा सकता है । नए स्ट्रेन के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 9 से 22 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल पैसेंजर्स, जो सिंप्टोमैटिक या संक्रमित पाए गए हैं, उनकी ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ अनिवार्य होगी। सरकार की ओर से फिर एक बार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों के संपर्क में आए लोगों को ट्रैक किया जा रहा है । दूसरी ओर दुनिया की कई वैक्सीन कंपनियों और बीते दिन भारत सरकार ने इस बात को स्पष्ट किया है कि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जो साबित कर सके कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन नए स्ट्रेन पर काम नहीं करेगी। ऐसे में इलाज की जो प्रक्रिया चलती आ रही है, उसी पर फोकस किया जा रहा है ।
कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन—-
सरकार की ओर से अब यूके से लौटे सभी कोविड पॉजिटिव लोगों के सैंपल की ‘जीनोम स्किवेंसिंग’ कराई जा रही है, ताकि नए स्ट्रेन का पता चल सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना मामलों को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। भारत सरकार ने कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए घरेलू और स्थानीय कमर्शियल उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ाया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि यह प्रतिबंध विशेष उड़ानों, अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो संचालन पर लागू नहीं होगा। इससे पहले भारत ने कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन से आने-जाने वाले विमानों पर 7 जनवरी तक अस्थायी प्रतिबंध लगाया था। केंद्र सरकार ने ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन से सावधान रहने के लिए भी कहा है। इसके अलावा अलग-अलग राज्य सरकारें भी कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर सतर्क हो गई हैं। बता दें कि जीनोम सीक्वेंसिंग किसी वायरस की पूरी जानकारी है, जिसमें वायरस का पूरा डेटा होता है। वायरस कैसा है? कैसा दिखता है? इसकी जानकारी जीनोम में मिलती है। वायरस के बड़े ग्रुप को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की प्रोसेस को जीनोम सीक्वेंसिंग कहा जाता है, इसी के जरिए नए स्ट्रेन के बारे में पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों ने नए वर्ष के जश्न को लेकर भी कई पाबंदियां लगा दी हैं।