
देश में आज से सबसे पवित्र और महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यतः यह महापर्व बिहार ,उत्तरप्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है।

चार दिनों तक चलने वाली इस महापर्व की शुरुआत आज यानी 18 सितंबर से से शुरू हो कर 21 सितंबर तक चलेंगी। इस पूजा में सूर्य देवता की अराधना की जाती है, इस दौरान जितने भी छठ व्रती होते हैं वो उपवास रखते हैं। इस त्योहार को प्रतिहार, डाला छठ और सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है। छठ महापर्व को हिंदू देवता सूर्य को धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है। छठ में सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान नदी तट पर प्रार्थना के इक्कठा होते हैं। वैज्ञानिक रूप से, सौर ऊर्जा में इस समय के दौरान पराबैंगनी विकिरणों का स्तर सबसे कम होता है, जो इसे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इस महापर्व के पहले दिन – नहाई खाई – पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर या गंगाजल (पवित्र जल) छिड़ककर और सूर्य भगवान की पूजा करके शुरू होती है, जिसके बाद सेंधे नमक में बना चना दाल के साथ कद्दू की सब्जी, भात खाया जाता है।
पहले दिन, भक्त सुबह के भोजन के अलावा, अगले दिन की शाम (खरना) तक भोजन करते हैं, जहां वे खीर, रोटी और फल, तो कहीं भात और दाल भी खाते हैं। इस दिन को लोहंड के नाम से भी लोग जानते है।
तीसरे दिन को पहला अर्घ/ सांध्य अर्घ कहा जाता है। व्रत रखने वाले लोग इस दिन कुछ भी खाने और पानी तक पीने से पूरी तरह परहेज करते हैं। इस दिन डूबते सूरज की पूजा की जाती है और शाम को अर्घ दिया जाता है। अंतिम दिन – दूसरा अर्घ/ सूर्योदय अर्घ – इस दिन सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ देते पूजा करते है और अपना व्रत खोलते हैं और इसके बाद भक्त खीर, मिठाई, ठेकुआ और फल सहित छठ प्रसाद का सेवन करते हैं। चावल, गेहूँ, ताज़े फल, सूखे मेवे, नारियल, मेवे, गुड़ और घी में छठ पूजा के प्रसाद के साथ-साथ पारंपरिक छठ भोजन बनाया जाता है।
छठ के दौरान बनने वाला भोजन – विशेष रूप से छठ पूजा का प्रसाद – प्याज, लहसुन और नमक के बिना तैयार किया जाता है। कुछ भक्त सेंधा नमक का उपयोग करते हैं। यह त्योहार नई फसल के उत्सव का भी प्रतीक है। सूर्यदेव को दिए जाने प्रसाद में फल के अलावा इस नई फसल से भोजन तैयार किया जाता है।
आइये जानते हैं सूर्योदय और सूर्यास्त मुहूर्त:
दिन 1- चतुर्थी (नहाय खाय)
सूर्य उदय: प्रातः 06:45
सूर्यास्त: सायं 05:25
दिन 2- पंचमी (लोहंडा और खरना)
सूर्य उदय: प्रातः 06:46
सूर्यास्त: सायं 05:25
दिन 3- षष्ठी (छठ पूजा, संध्या अर्घ्य)
सूर्य उदय: प्रातः 06:47
सूर्यास्त: सायं 05:25
दिन 4- सप्तमी (उषा अर्घ्य, पारण दिवस)
सूर्य उदय: प्रातः 06:48
सूर्यास्त: सायं 05:24