Jammu & Kashmir: मुफ्ती के कश्मीरी झंडे के प्रेम पर भाजपाइयों का जम्मू से लेकर घाटी तक तिरंगा प्रहार

आज बात होगी जम्मू कश्मीर की । घाटी के नेताओं के द्वारा पिछले दिनों से जो सियासी ताना-बाना बुना जा रहा है वह आने वाले दिनों के विधानसभा चुनाव को लेकर है । नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के बाद पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की नजरबंद से रिहा होने के बाद सड़क पर आकर मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलने में लगे हुए हैं । पिछले दिनों फारूक अब्दुल्ला ने घाटी के सभी दलों को एकत्रित कर भाजपा सरकार के खिलाफ लामबंद करने की कोशिश की तभी से जम्मू कश्मीर की सियासत गरमाई हुई है । उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से बहाल नहीं हो जाता तब तक वह कश्मीरी झंडा नहीं उठाएंगी न विधानसभा चुनाव लड़ेंगी । अब घाटी के नेताओं के खिलाफ भाजपा भी सड़क पर उतर आई है। सोमवार को भाजपा कार्यकर्ता जम्मू से लेकर श्रीनगर तक महबूबा और फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आक्रामक मूड में हैं । महबूबा मुफ्ती के कश्मीरी झंडे के बयान के बाद आज भाजपाइयों ने श्रीनगर से लेकर कुपवाड़ा तक तिरंगा यात्रा भी निकाली । जब भाजपा कार्यकर्ता श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा रहे थे उसी दौरान पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया । इसके बावजूद उग्र हुए भाजपा नेताओं ने मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के दफ्तर जाकर कार्यकर्ताओं ने तिरंगा फहरा दिया। इसमें बीजेपी के अलावा अन्य संगठनों के भी कार्यकर्ता शामिल थे। दरअसल रिहा होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जब तक कश्मीर मे दोबारा अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो जाता वह कोई झंडा नहीं थामेंगी।
भाजपा ने कहा महबूबा के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हो तो शिवसेना बोली, पाक भेजो—-
घाटी में नेताओं के भड़काऊ बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना दोनों ही राष्ट्रवाद के मुद्दे पर नजर आ रही हैं । हालांकि मौजूदा समय में उद्धव ठाकरे सरकार और भाजपा आलाकमान के बीच भले टकराव की स्थिति बनी हो लेकिन जम्मू-कश्मीर में दोनों एक ही मिशन पर नजर आ रहे हैं । यहां हम आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के इस बयान के बाद देशभर में कई संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं बीजेपी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से पूर्व सीएम मुफ्ती के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने की भी अपील की है। बीजेपी ने कहा कि धरती की कोई ताकत वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान पर उन्हें सलाखों के पीछे डालें। वहीं शिवसेना के संगठन ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुला को पाक भेज देना चाहिए।
घाटी में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने केंद्र के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा—
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फिर से अनुच्छेद 370 को दोबारा से लागू करने की मांग की है । इसके लिए सभी पार्टियों ने एक गुपकार समझौता किया है। महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने मिलकर अनुच्छेद 370 लागू करवाने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन का गठन किया है। इसमें फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। यहां हम आपको बताा दें जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन हुए और अनुच्छेद-370 को समाप्त हुए करीब डेढ़ वर्ष बीत चुका है, लेकिन कश्मीर की सियासत अभी इसी के इर्दगिर्द घूम रही है। अब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने के लिए हमें देश के कानून मंत्री से कोई उम्मीद नहीं है। इस मामले में अदालत को अपनी कार्रवाई करने दें। गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 कभी बहाल नहीं हो सकता है।