Navratri 2020 Special: नवरात्रि का छठा दिन, मां कात्यानी की करें पूजा ( नवरात्रि विशेष )

आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करते हैं। दुर्गा सप्तशती में मध्य चरित्र जिस महिषासुर का उल्लेख मिलता है उसका वध करने वाली देवी मां कात्यायनी ही हैं। इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जानते हैं। देवी के इस स्वरूप की पूजा से कन्याओं को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है तथा विवाह में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। माता कात्यायनी की उपासना से साधक इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। माता हर हाल में भक्तों की कामना पूरी करती है। पौराणिक कथाओं में देवी कात्यायनी के ऋषि कात्यायन बड़े भक्त थें ,इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने इनके घर पुत्री रूप में प्रकट होने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण देवी कात्यायनी कहलाईं।
कैसे करें पूजा:
देवी की पूजा में गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें। माता की पूजा करने के बाद ध्यान पूर्वक पद्मासन में बैठकर देवी के मंत्र का मनोयोग से जप करें। माता कात्यानी की पूजा करना बड़ा ही फलदायी माना गया है।
भोग:
नवरात्रि के षष्ठी तिथि के दिन देवी की पूजा में शहद यानी मधु का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन माता के प्रसाद में मधु का प्रयोग करना चाहिए। पान में शहद मिलाकर माता को भेंट करना उत्तम फलदायी होता है। माता को मालपुआ का भोग भी प्रिय है। इनकी पूजा से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है। यह देवी विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करती हैं।
देवी कात्यायनी का मंत्र:
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि