शुक्रवार, मार्च 24Digitalwomen.news

Lockdown: Unheard Voices, we ignored voices of India’s migrant workers for too long

न भूख , न प्यास न धूप और ना ही छाँव की चिंता है। इनकी तो बस सरकार से एक ही गुजारिश है कि साधन या भोजन न सही , कम से कम रास्ते ही खोल दें। बस जीते जी अपने घर पहुंचना चाहते हैं ये लोग।

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